New Delhi: पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ लगातार झूठे दावे किए जाते हैं, जो उसी वक्त बेनकाब हो जाते हैं. इसी बीच जानकारी मिल रही है कि पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी ISI और कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी मिलकर बांग्लादेश में भारत के खिलाफ सुनियोजित प्रचार अभियान चला रहे हैं. खुफिया एजेंसियों की माने तो इस अभियान के जरिए यह झूठा दावा किया जा रहा है कि भारत बांग्लादेश के चुनावी प्रक्रिया में दखल दे रहा है.
भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा और तेज होगा
बता दें कि भारत सरकार इन आरोपों को पहले ही सिरे से खारिज कर चुकी है, वहीं एजेंसियों का कहना है कि 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएंगे, भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा और तेज होगा. शेख हसीना की सत्ता से विदाई और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद ISI को बांग्लादेश में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिला है. इसके बावजूद बांग्लादेश में बड़ी आबादी अब भी भारत के प्रति सकारात्मक सोच रखती है.
आम बांग्लादेशी नागरिक पूरी तरह भारत-विरोधी नहीं
अधिकारियों का कहना है कि आम बांग्लादेशी नागरिक पूरी तरह भारत-विरोधी नहीं है. शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग भारत पर निर्भर रहे हैं, जिससे भारत के प्रति भरोसा बना हुआ है. ISI और जमात इस सोच को बदलना चाहते हैं. एजेंसियों के अनुसार उन्हें यह एहसास है कि जब तक जनता को भारत-विरोधी नहीं बनाया जाएगा, तब तक भावनाओं से खेलना संभव नहीं है. इसलिए भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाकर भावनाएं भड़काई जा रही हैं.
भारत-विरोध को राजनीतिक हथियार बनाया
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसारए ISI वही रणनीति अपनाना चाहती है जो उसने पाकिस्तान में अपनाई. जहां भारत-विरोध को राजनीतिक हथियार बना दिया गया. बांग्लादेश मामलों के जानकार कहते हैं कि लोग अपने आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी दखल को पसंद नहीं करते और इसी संवेदनशील मुद्दे का फायदा उठाया जा रहा है.