India-China Relations: भारत और चीन के बीच रविवार से सीधी फ्लाइट शुरू होने जा रही है, जिससे बीजिंग ने दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई उड़ान करार दिया है. भारत-चीन के बीच उड़ानों की बहाली 28 अरब से अधिक जनसंख्या वाले दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक उपाय है. ऐसे में चीन का कहना है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने को तैयार है.
26 अक्टूबर से चीन के लिए सीधी उड़ान
दरअसल, भारत ने 2 अक्टूबर को घोषणा की थी कि 26 से चीन के लिए सीधी उड़ानें फिर शुरू होगी, जिसकी एयर इंडिया ने भी पुष्टि की. इंडिगो ने बताया कि वह 26 अक्टूबर से कोलकाता-गुआंगझोउ और 10 नवंबर से दिल्ली-गुआंगझोउ उड़ानें फिर शुरू करने जा रहा है. चीनी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न ने घोषणा की कि वह 9 नवंबर से शंघाई-दिल्ली उड़ानें फिर शुरू करेगी.
दोनों देशों बीच हुए समझौते की नवीनतम प्रगति
वहीं, पांच साल बाद दोनों देशों के बीच उड़ानों की बहाली को लेकर किए गए सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लागू करने की नवीनतम प्रगति है. यह चीन और भारत के 2.8 अरब से अधिक लोगों के बीच मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान को सुगम बनाने का सकारात्मक कदम है.
भारत-चीन का साथ वैश्विक भलाई के लिए अहम
बीजिंग का कहना है कि वह भारत के साथ मिलकर चीन-भारत संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने और संभालने, द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने, दोनों देशों और उनकी जनता को बेहतर लाभ पहुंचाने तथा एशिया और विश्व में शांति और समृद्धि बनाए रखने में उचित योगदान देने को तैयार है.
क्या था दोनों देशों के बीच तनाव का कारण
बता दें कि भारत और चीन के बीच उड़ान सेवाएं 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद निलंबित कर दी गई थीं. वहीं, पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सीमा गतिरोध के कारण इन्हें बहाल नहीं किया गया था. हालांकि यह गतिरोध पिछले साल अक्टूबर में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद समाप्त हो गया था.
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