India-ChinaIndia-China : जैसा कि आप सब जानते है कि वर्तमान समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाया है जो कि इसका असर अब दिखने लगा है. जानकारी देते हुए बता दें कि ट्रंप के इस टैरिफ के फैसले से कई देशों का व्यापार प्रभावित हुआ है. लेकिन अब भारत और चीन, अमेरिका को उसी के अंदाज में मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. हाल कि दिनों में पीएम मोदी चीन दौरे पर गए थे. इसके साथ ही उन्होंने तिनजियान में एससीओ समिट में हिस्सा लिया.
भारत चीन की बढ़ी नजदीकियां
वर्तमान समय में भारत और चीन सभी गिले-शिकवे भुलाकर आगे बढ़ रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों ही देश अमेरिका को टैरिफ का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं संभावना है कि उनके इस प्लान में रूस भी उनका साथ देगा. ऐसे में बता दें कि चीन में हुई एससीओ समिट के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें व्यापार के लिए नया पेमेंट सिस्टम लाने को लेकर अहम मुद्दा रहा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन डॉलर की जगह ट्रेड के लिए नया सिस्टम ला सकते हैं.
राजनीतिक प्रभाव डालने के लिए कर रहे इस्तेमाल
इस मामले के लेकर मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर मत्तेओ माज्जियोरी ने भू-अर्थशास्त्र की बदलती भूमिका पर कहा कि दोनों देश मिलकर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए व्यापार और फाइनेंसियल सिस्टम को राजनीतिक प्रभाव डालने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वह दुर्लभ खनिजों पर नियंत्रण रखता है. इसी तरह अमेरिका वैश्विक वित्तीय प्रणाली का इस्तेमाल करता है.
अमेरिका को जवाब देने की तैयारी में भारत-चीन
इस मामले को लेकर माज्जियोरी का कहना है कि भारत और चीन जैसे देश अब वैकल्पिक भुगतान प्रणालियां बना रहे हैं. ये दोनों ही देश एक साथ मिलकर अमेरिकी दबाव को कम करना चाहते हैं, जिससे वे अपना प्रभाव बढ़ा सकें. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के साथ चीन पर भी टैरिफ लगाया है. इस दौरान अगर अब भारत और चीन डॉलर के मुकाबले नया पेमेंट सिस्टम लाते हैं तो इससे अमेरिका को झटका लग सकता है.
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