India Decision Against Trump Tariffs : वर्तमान समय में भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गया 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद भारत ने एक और बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे BRICS देशों के साथ निर्यात-आयात का लेन-देन पूरी तरह से भारतीय करेंसी रुपये में करने की अनुमति व्यापारियों को दें और इसके लिए Vostro अकाउंट का इस्तेमाल होगा. बता दें कि पलिे से बैंकों को मंजूरी लेने की जरूरत भी नहीं होगी.
इस वजह से भारत सरकार ने लिया फैसला
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय भूमिका मजबूत करने और डॉलर पर निभर्रता घटाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. विशेष रूप से उस समय जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. जानकारी देते हुए बता दें कि वर्तमान समय में अभी भारतीय व्यापारी लगभग 85% विदेशी व्यापार अमेरिकी कंरेंसी डॉलर में करते हैं, वहीं 10 से 15 प्रतिशत लेन-देन रुपये में शिफ्ट होने से डॉलर पर करीब 100 अरब डॉलर वार्षिक की निर्भरता कम हो जाएगी.
ब्रिक्स में इतने देश हैं शामिल
प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रिक्स एक इंटर-गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन है, जिसके 10 मेंबर भारत, चीन, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं. जानकारी के मुताबिक, पहले ब्रिक्स में सिर्फ 5 देश थे, लेकिन 1 जनवरी 2024 के बाद से 5 और देश इसके मेंबर बन गए. सबसे महत्वपूर्ण बात ब्रिक्स का कोई हेड ऑफिस नहीं है, इस दौरान बारी-बारी ब्रिक्स के सदस्य देश हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं.
ब्रिक्स देशों के साथ भारत का व्यापार दोगुना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अभी तक ब्रिक्स देशों के साथ कपड़ों, केमिकल और मेडिसिन का बिजनेस कर रहा है, लेकिन अब वह बिजनेस कैटेगरी को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं. विशेष रूप से ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद भारत सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है. जानकारी देते हुए बता दें कि साल 2008-09 से 2023-24 तक ब्रिक्स देशों के साथ भारत का व्यापार लगभग दोगुना हो गया है, लेकिन चीन और रूस के साथ व्यापार घाटा चुनौती है.
भारतीय करेंसी में व्यापार पर फोकस
ऐसे में भारत व्यापार के घाटे को कम करने के लिए ब्रिक्स देशों के साथ अपनी करेंसी में व्यापार और लेन-देन को बढ़ावा दे रहा है, इस दौरान इस मामले को लेकर ब्रिक्स देशों का कहना है कि व्यापार करने से इंटरनेशनल मार्केट में अपनी स्थिति को मजबूत करने का, इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने का मौका मिलता है. जैसे रुपये में व्यापार के लिए सरकार ने भारतीय व्यापारियों को विशेष वोस्ट्रो खाते दिए हैं.
इसे भी पढ़ें :- भारत-अमेरिका के बीच जल्द होंगे ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’, पूर्व विदेश सचिव का बड़ा बयान