तुर्की, चीन और अजरबैजान ही नहीं, इस देश ने भी दिया था पाक का साथ, शहबाज की जुबान से निकला सच

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India-Pak Conflict: भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच अब तक तुर्की, चीन और अजरबैजान जैसे देशों का नाम सामने आ रहा था, जिन्होंने पाकिस्तान की मदद की. लेकिन अब एक और मुस्लिम देश का नाम सामने आया है. इसका खुलासा भी खुद पाकिस्‍तान ने किया है. दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की जुबान से मिस्र का नाम निकल गया. उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति को फोन कर शुक्रिया कहा और इस तनाव के दौरान मिले समर्थन के लिए आभार जताया.

शहबाज शरीफ ने गलती से उगला सच

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी से फोन पर बात की. इस बातचीत में उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान मिस्र के संतुलित रवैये के लिए आभार व्‍यक्‍त किया. शहबाज ने कहा कि मिस्र की कोशिशों से तनाव को कम करने में मदद मिली. इससे यह साफ हो गया कि तुर्की, चीन और अजरबैजान के अलावा मिस्र भी पर्दे के पीछे पाकिस्तान का साथ दे रहा था. हालांकि, मिस्र ने इस बारे में कोई खुली घोषणा नहीं की थी, लेकिन शहबाज शरीफ की जुबान से सच बाहर निकल ही गया.

पाकिस्तान पहुंचा था मिस्र का कार्गो विमान

मिस्‍त्र पर्दे के पीछे से पाकिस्तान का साथ दे रहा है, इसके सबूत बहुत पहले ही सामने आ गए थे. दरअसल 12 मई को’फ्लाइट 24 रडार’ की एक पोस्ट ने सबका ध्यान खींचा था. इसमें दावा किया गया था कि एक इजिप्‍ट का कार्गो विमान पाकिस्तान में लैंड हुआ था. तब इस पर किसी ने खास ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब शहबाज शरीफ की बातचीत के बाद ये दावा और पक्‍का हो गया है कि मिस्र ने पाकिस्तान की मदद की थी.

भारत-पाक के बीच सिंधु जल संधि का भी जिक्र

शहबाज शरीफ ने बातचीत के दौरान सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया, जिसे भारत ने हाल ही में होल्ड पर रखा है. उन्होंने इजिप्‍ट के राष्ट्रपति को बताया कि पाकिस्तान इस संधि को अहम और क्षेत्रीय शांति के लिए जरूरी मानता है. बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की बात कही. शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति अल-सीसी को पाकिस्तान आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे मिस्र के राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया.

ये भी पढ़ें :- ‘Make in India’ की उड़ान: भारत का रक्षा निर्यात वित्‍त वर्ष 2026 में ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने का लक्ष्य

More Articles Like This

Exit mobile version