India-Pakistan nuclear war: भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में बर्लिन में हैं. इस दौरान पडोसी देश पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद का एक खुला कारोबार है. ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव के कारण परमाणु समस्या पैदा होने की बातें आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को बढ़ावा देती है.
वहीं, जर्मनी मीडिया द्वारा भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के कितने करीब है, पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि बहुत, बहुत दूर… हमारे पास आतंकवादी लक्ष्य हैं. वे बहुत ही सोच-समझकर उठाए गए कदम थे, सावधानी से सोचे गए और तनाव बढ़ाने वाले नहीं थे.
किसी भी बिंदु पर परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा तनाव
भारतीय विदेशमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया झड़पों के दौरान परमाणु संघर्ष होने से वे कोसों दूर थे. भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी धरती पर बिना किसी उकसावे के सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को ही टारगेट किया था. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव किसी भी बिंदु पर परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा.
आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को बढ़ावा…
उन्होंने कहा कि यह एक कथा है जैसे कि दुनिया के हमारे हिस्से में जो कुछ भी होता है वह सीधे परमाणु समस्या की ओर ले जाता है. यह मुझे बहुत परेशान करता है क्योंकि यह आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को बढ़ावा देता है. वहीं, इससे पहले उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जर्मनी की एकजुटता के लिए भारत की ओर से चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को सराहना व्यक्त की, क्योंकि दोनों पक्षों ने भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपनी साझेदारी को गहरा करने के तरीकों की खोज की.
भारत के चीन-पाकिस्तान दो कठिन पड़ोसी
इस दौरान एस जयशंकर ने कहा कि हम लगातार 8 दशक से इस समस्या का सामना कर रहे हैं. आप जिस सच्चाई को देखकर अब जागे हैं, उसके बारे में हम बहुत दिनों से जानते हैं और उसका सामना कर रहे हैं. हमारे पास दो कठिन पड़ोसी हैं- चीन और पाकिस्तान. हमारे लिए पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद वाली परेशानी हमेशा रही है. इसलिए हमने इस कठिन दुनिया में चुनौती को पूरी मजबूती के साथ झेला है.
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