‘सिर्फ साथी ही नहीं, एक अच्‍छा सप्‍लायर भी…’, अमेरिकी प्रतिबंध के बाद भी भारत-रूस की दोस्‍ती बरकरार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India Russia oil deal: भारत और रूस की दोस्‍ती यूं ही नहीं दुनियाभर में प्रसिद्ध है ये दोनों देश कितनी भी मुश्किल समय क्‍यों न हों इससे निकलने का रास्‍ता ढ़ूंढ ही लेते है. हाल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. दरअसल, अमेरिका और पश्चिमी देशों की सख्त पाबंदियों के बीच भी भारत और रूस की ऊर्जा साझेदारी में कोई कमी नहीं आई है. रूस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह भारत का सबसे भरोसेमंद एनर्जी पार्टनर है.

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस भारत को सबसे अच्छी कीमत और हाई क्वालिटी वाला क्रूड ऑयल देने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने बताया कि दोनों देश मिलकर ऐसे नए तरीके खोज रहे हैं,जिनसे प्रतिबंधों के बावजूद तेल व्यापार बिना रुकावट जारी रह सकें.

क्रूड ऑयल का एक प्रमुख सप्‍लायर बना रूस

अलीपोव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रूस अब भारत के लिए क्रूड ऑयल का एक प्रमुख सप्लायर बन चुका है और भारत की कुल तेल आयात का एक-तिहाई से ज्यादा हिस्सा रूस से आता है. हमने बार-बार यह साबित किया है कि रूस एक भरोसेमंद साथी है जो न केवल अच्छी कीमत देता है बल्कि हाई क्वालिटी वाला तेल भी मुहैया कराता है.

ऊर्जा सुरक्षा पर फोकस

उन्‍होंने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच की साझेदारी ऊर्जा क्षेत्र में भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उसकी ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत कर रही है. अलीपोव ने कहा कि कई बार हमारे रिश्तों को कमजोर करने की कोशिशें हुईं, लेकिन हमने हर बार मिलकर नए रास्ते खोजे हैं.

वहीं, अमेरिकी प्रशासन द्वारा रूस की प्रमुख तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी अलीपोव ने प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने कहा कि एकतरफा और गैर-कानूनी पाबंदियां दुनिया की आर्थिक विकास में बाधा डालती हैं, आम नागरिकों को प्रभावित करती हैं और सप्लाई चेन को तोड़ देती हैं.

स्थानीय मुद्रा में व्यापार

भारत और रूस अपनी द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को सुरक्षित और स्वतंत्र बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा अब वो लेनदेन के लिए भी अपनी स्थानीय और वैकल्पिक मुद्राओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी हिस्सेदारी 90% से ज्यादा तक पहुंच चुकी है.  इतना ही नहीं, भारत और रूस वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक रूट्स विकसित करने पर भी ध्यान दे रहे हैं ताकि व्यापार और सप्लाई बिना किसी रुकावट के जारी रह सके.

नई तकनीकों पर काम कर रहे दोनों देश

रूसी राजदूत ने कहा कि कई दशकों से भारत और रूस की रक्षा साझेदारी बहुत मजबूत रही है.  अब दोनों देश मिलकर नई-नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जिनमें ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम, एडवांस रडार, मिसाइल और पानी के नीचे चलने वाले प्लेटफॉर्म जैसी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. साथ ही उन्‍होने ये भी कहा कि दोनो देशों के बीच यह साझेदारी सिर्फ रक्षा सौदों तक सीमित नहीं है, बल्कि साझा अनुभवों और असली युद्ध स्थितियों में परखी गई तकनीकों पर आधारित है.

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