भारत की बढ़ेगी समुद्री ताकत! इटली के साथ हुई करोड़ों की डील, नौसेना के बेड़े शामिल होंगे 48 टॉरपीडो

Indian Navy : भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों को मारक क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने इटली की कंपनी से 48 टॉरपीडो खरीदने का करार किया है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस सौदे की कुल कीमत 1896 करोड़ है. सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि ये कंपनी कभी VVIP हेलीकॉप्टर (अगस्ता वेस्टलैंड) घोटाले से जुड़ी इटली की कंपनी का हिस्सा थी.

इस मामले को लेकर रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय नौसेना की कलवरी-क्लास पनडुब्बियों (P-75) के लिए 48 भारी वजन वाले टॉरपीडो और संबंधित उपकरणों की खरीद के साथ इटली की WASS सबमरीन सिस्टम्स SRL के साथ डील पर हस्ताक्षर किए गए. जानकारी के मुताबिक राजधानी दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में इस पर हस्ताक्षर किए गए.

भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े की समीक्षा

बता दें कि इन सभी टॉरपीडो की डिलीवरी अप्रैल, 2028 से शुरू होगी. इसके साथ ही 2030 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी. इतना ही नही इसके अधिग्रहण से छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की युद्ध क्षमता में वृद्धि होगी. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने कलवरी क्लास सबमरीन, INS वाघषीर का दौरा, भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े की समीक्षा की थी.

इटली की फिनसानटेयरी ग्रुप का हिस्सा

इसके साथ ही WASS कंपनी, कभी ऑगस्ता वेस्टलैंड बनाने वाली कंपनी फिनमैनिका कंपनी का हिस्सा थी. ऐसे में यूपीए सरकार (2004-2014) के दौरान VVIP हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले के चलते फिनमैनिका और उसके साथ जुड़ी कंपनियों को रक्षा मंत्रालय ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था. फिलहाल वर्ष 2021 में कंपनी को ब्लैकलिस्ट से बाहर कर दिया गया था. इस दौरान अब WASS कंपनी भी इटली की फिनसानटेयरी ग्रुप का हिस्सा है. इसके साथ ही दुनिया की उन चुनिंदा में से एक जो टॉरपीडो बना सकती हैं.

उन्नत क्षमताओं वाले हथियार

इसे लेकर कुछ ही समय पहले रक्षा मंत्रालय का बयान सामने आया कि इन टॉरपीडो में महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताएं और उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं. साथ ही यह अधिग्रहण विशिष्ट तकनीकों के साथ उन्नत क्षमताओं वाले हथियारों को शामिल करके भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेखांकित करता है.

48 टॉरपीडो सहित कुल 4666 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर

सबसे महत्‍वपूर्णबात रक्षा मंत्रालय ने 48 टॉरपीडो सहित कुल 4666 करोड़ के करार किए. बता दें कि इनमें थलसेना और नौसेना के लिए 4.25 लाख क्लोज बैटल कार्बाइन (CQB) भी शामिल है, ऐसे में इसकी कुल कीमत 2770 करोड़ है. ये करार पुणे की भारत फोर्ज और अडानी ग्रुप की पीएलआर सिस्टम्स से किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1,82,492 करोड़ रुपये के पूंजीगत अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं.

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