बमबारी के बाद अब जुबानी जंग, ईरान से डील करना चाहता है अमेरिका तो…, अराघची ने दे डाली नसीहत

Iran-US Relations : इजरायल के साथ युद्ध को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं. बता दें कि ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने तीखा बयान देते हुए कहा कि अगर अमेरिका वास्तव में ईरान से समझौता चाहता है तो उसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रति अपनी भाषा में सम्मान दिखाना होगा.

इस दौरान ईरान लोगों की स्‍वतंत्रता को लेकर सोशल मीडिया एक्‍स पर पोस्‍ट करते हुए अराघची ने लिखा कि हमारी राष्ट्रीय भावना सीधी और स्पष्ट है. हम अपनी स्वतंत्रता को जानते हैं और किसी को हमारे भाग्य का निर्धारण करने की इजाजत नहीं देते. अराघची का यह बयान ऐसे समय आया जब अमेरिका की तरफ से ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत तीन ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले की खबरें भी सामने आ रही थी.

ट्रंप के बदले फैसले पर अराघची का बयान

ईरान के साथ परमाणु समझौते से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल अलग होने और अधिकतम दबाव की नीति पर केंद्रित रहा है और अब जब अमेरिका बात करना चाहता है तो इसका बदलाव केवल भाषा में नहीं बल्कि व्यवहार में भी देखना चाहता है. इस दौरान डोनाल्‍ड ट्रंप के इस बदले फैसले को लेकर अराघची का कहना है कि “अगर ट्रंप वास्तव में सौदा चाहते हैं तो उन्हें खामेनेई और उनके लाखों अनुयायियों का सम्मान करना होगा.

बातचीत से नहीं संतुष्‍ट ईरान  

जानकारी के मुताबिक, अराघची का बयान से साफ स्‍पष्‍ट है कि ईरान महज बातचीत से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि वह ईरान पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले का अमेरिका से ठोस बदलाव की अपेक्षा करता है. लेकिन ऐसे में यह भी ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप प्रशासन की पूर्ववर्ती रणनीतियां, जैसे आर्थिक प्रतिबंध और सैन्य दबाव, ईरान की रणनीतिक सोच में विश्वास की कमी पैदा कर चुकी हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बयान

बता दें कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने बयान ने दिया है कि इजरायल के हमले से उन्होंने खामेनेई को हत्या से बचाया था. ऐसे में  इस हमले को लेकर उन्‍होंने दावा करते हुए कहा कि इसमें खामेनेई की मौत गंदी तरीके से हो सकती थी. लेकिन उन्‍होंने उनकी जान बचाई. ऐसे में इस मामले को लेकर ट्रंप ने ईरानी सुप्रीम लीडर पर अहसान फरामोश होने का आरोप लगाया और कहा कि खामेनेई इजरायल पर जीत का झूठा दावा कर रहे हैं.

अमेरिका की ओर से कूटनीतिक इशारे

इस दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपने बयान देते हुए कहा कि अमेरिका अभी भी ईरानी अधिकारियों और उनके मध्यस्थ कतरी प्रतिनिधियों के साथ संपर्क में है. ऐसे में उनका कहना है कि “यह प्रशासन हमेशा कूटनीति और शांति पर केंद्रित रहा है. उन्‍होंने कहा कि इस बात से यह समझ आता है कि ट्रंप प्रशासन ने शायद अपनी रणनीति को थोड़ी लचीलापन देना शुरू किया है. लेकिन अभी भी ईरान का यह कहना कि वे धमकियों और अपमानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

ईरानी विदेश मंत्री ने अमेरिका को दी चेतावनी

जानकारी के मुताबिक, ईरानी विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर भ्रम से बड़ी गलती हुई तो ईरान अपनी वास्तविक क्षमताओं का खुलासा करने में संकोच नहीं करेगा. उन्‍होंने कहा कि “यह बयान केवल एक कूटनीतिक चेतावनी नहीं है,  बल्कि सैन्य तैयारियों का संकेत भी देता है. इस बात को ईरान ने पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह क्षेत्रीय संतुलन में एक सशक्त और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में खुद को देखता है.

इसे भी पढ़ें :- पंजाब की जेलों से 25 अधिकारी सस्पेंड, भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम भगवंत मान का बड़ा फैसला

More Articles Like This

Exit mobile version