ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन का बड़ा कदम, IAEA के साथ सहयोग निलंबित

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iran: ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग निलंबित कर दिया है. ईरानी राष्‍ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने बुधवार को कथित तौर पर देश को आईएईए के साथ अपने सहयोग को निलंबित करने का आदेश दिया. यह आदेश अमेरिका-इजरायल हमलों के कुछ दिन बाद आया है.

ईरान की सरकारी मीडिया ने राष्ट्रपति पेजेशकियन के इस निर्णय की जानकारी दी. यह ईरान की संसद द्वारा पारित एक कानून के तहत हुआ है, जिसमें सहयोग को निलंबित करने की बात कही गई है. इसे देश के एक संवैधानिक निगरानी संस्था की मंजूरी भी मिल चुकी है. ईरान के इस कदम से मिडिल ईस्‍ट में तनाव बढ़ने और वैश्वि‍क प्रतिक्रियाएं तेज होने की आशंका है.

इस वजह से ईरान ने उठाया कदम

मालूम हो कि 13 जून 2025 को इजरायल ने ईरान के सैन्य और न्‍यूक्लियर साइट्स पर बड़े स्‍तर पर हवाई हमले शुरू किए. इस हमले में ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो जैसे प्रमुख परमाणु केंद्र को निशाना बनाया गया था. इसके बाद 22 जून को अमेरिका ने भी इन साइट्स पर हमला बोल दिया. इस कार्रवाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह नष्ट करने’ वाला बताया. हालांकि, आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी और अमेरिकी खुफिया आकलनों के मुताबिक, इन हमलों से ईरान का न्‍यूक्लियर साइट केवल कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुआ है.

25 जून को ईरानी संसद ने 221-0 के भारी मत से आईएईए के साथ सहयोग निलंबित करने वाला विधेयक पारित किया, जिसमें एक सांसद मतदान में शामिल नहीं हुआ. इस विधेयक को अंतिम मंजूरी के लिए ईरान की गार्जियन काउंसिल और सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को भेजा गया. ईरान का कहना था कि जब तक उसके परमाणु ठिकानों की सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, वह आईएईए के साथ सहयोग नहीं करेगा.

ईरान का परमाणु प्रोग्राम और IAEA की चिंताएं

ईरान दावा करता है कि उसका न्‍यूक्लियर प्रोग्राम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों, जैसे बिजली उत्पादन के लिए है. हालांकि, आईएईए और पश्चिमी देशों कहते हैं कि ईरान 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है, जो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. IAEA की मानें तो ईरान के पास इतना संवर्धित यूरेनियम है कि वह कुछ ही हफ्तों में एक परमाणु बम बना सकता है. मई 2024 तक ईरान 60 प्रतिशत शुद्धता वाले यूरेनियम का उत्पादन कर रहा था, जो शांतिपूर्ण इस्‍तेमाल के लिए जरूरत से कहीं ज्यादा है.

जब IAEA ने ईरान को दी यूएन सुरक्षा परिषद भेजने की चेतावनी…  

आईएईए ने 12 जून 2025 को एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि ईरान 2019 से अपनी अप्रसार जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रहा. इसने ईरान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजने की चेतावनी दी, जिससे उस पर और बैन लग सकते हैं. ईरान ने इस प्रस्ताव को ‘राजनीतिक’ और ‘अनुचित’ करार देते हुए जवाब में एक नया यूरेनियम संवर्धन केंद्र खोलने और उन्नत सेंट्रीफ्यूज लगाने का ऐलान किया.

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