Israel Iran News : इजरायल-ईरान के युद्ध को लेकर जी-7 देशों ने ईरान के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का खुलकर समर्थन कर दिया है. इस दौरान जी-7 देशों ने एक जारी बयान में इजरायल के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए प्रतिद्वंद्वी ईरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मूल कारण बताया. वहीं इजरायल के ईरान पर हवाई हमले के दौरान जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए थे. इस हमले को लेकर इलाके में तनाव और चिंता बढ़ गई है.
जानकारी के मुताबिक, कई मामलों पर चर्चा करने और उनका समाधान निकालने के लिए जी7 देशों के नेता कनाडा में एकत्र हुए थे. बता दें कि दोनों देशों के बीच मुलाकात के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर टकराव की वजह से कार्यक्रम पूरी तरह से बाधित हो गया. ऐसे में अब इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष और भी खतरनाक दिखाई दे रहा है. दोनों देश चार दिन से एक-दूसरे पर लगातार बम बरसा रहे हैं.
ईरानी नेता से बातचीत करना चाहते है ट्रंप
दोनों दशों के बीच तनाव को लेकर जी7 के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने शिखर सम्मेलन में चेतावनी देते हुए कहा कि तेहरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने की जरूरत है, इस मामले को लेकर उनका कहना है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए वे ईरानी नेता बातचीत करना चाहते हैं. बता दें कि उन्होंने पहले भी कोशिश की थी इजरायली हवाई हमले शुरू होने से पहले वे ऐसा करने में विफल रहे.
ट्रंप ने जेहरान खाली करने की दी चेतावनी
ऐसे मे अमेरिका को सैन्य रूप से संघर्ष में शामिल होने के लिए पूछा गया तो ट्रंप ने कहा कि ‘मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता.’ इस बीच ट्रंप ने सभी को तुरंत तेहरान खाली करने की सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी दी. बता दें कि इसी के बाद ट्रंप ने शिखर सम्मेलन छोड़ने और दूरी बनाने का फैसला किया.
इजरायल ने परमाणु कार्यक्रम स्थलों को बनाया निशाना
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक इजरायल ने कई ईरानी परमाणु कार्यक्रम स्थलों को निशाना बनाया है, लेकिन वह ईरान की फोर्डो यूरेनियम संवर्धन सुविधा को नष्ट नहीं कर पाया है. बता दें कि ईरान ने यह सुविधा बहुत गहराई से की है. इस दौरान इजरायल को इसे नष्ट करने के लिए 30,000 पाउंड (14,000 किलोग्राम) के GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर की आवश्यकता पड़ सकती है.
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