Israel Palestine: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोध करने के बावजूद भी यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दे दी है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस फैसले की पुष्टि की.
ब्रिटिश पीएम स्टारमर ने कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच यह कदम शांति और ‘दो-राज्य समाधान’ की संभावना को बनाए रखने के लिए जरूरी है, जिसका अर्थ है एक सुरक्षित इजरायल और एक व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीन को मान्यता देने से ‘हमास का भविष्य या सरकार में कोई भूमिका नहीं होगी.’
कनाडा बना फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला G7 राष्ट्र
यह निर्णय जुलाई में ब्रिटेन की नीति में बदलाव और संयुक्त राज्य अमेरिका से अलग हटकर लिया गया है. उस दौरान ब्रिटेन ने इजरायल के साथ युद्ध विराम की मांग की थी. ब्रिटेन की घोषणा से कुछ समय पहले, कनाडा फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला G7 राष्ट्र बन गया. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ‘फिलिस्तीन और इजरायल दोनों के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य’ की आशा व्यक्त की.
इन देशों ने भी दी फिलिस्तीन को मान्यता
इसके तुरंत बाद, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की. उन्होंने इसे ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर ‘दो-राष्ट्र समाधान’ की दिशा में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रयास बताया. अल्बानीज ने कहा कि इस प्रयास की शुरुआत गाजा में तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई से होनी चाहिए, और फिलिस्तीन के भविष्य के शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी.
इजरायल और अमेरिका ने किया विरोध
हालांकि यूके कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के फिलिस्तीन को मान्यता देने के फैसले की इजरायल ने आलोचना की है, साथ ही इसे हमास के लिए ‘इनाम’ बताया है. इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह मान्यता 7 अक्टूबर के नरसंहार का सीधा परिणाम है और ‘जिहादी विचारधारा को अपनी नीति तय न करने दें.’ वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हाल की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर कीर स्टारमर के साथ अपनी असहमति व्यक्त की थी.
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