Jamaat-E-Islami: बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होने वाले है. इसी बीच देश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने देश में निष्पक्ष चुनाव की मांग कराने के लिए राजधानी ढाका में विशाल रैली निकाली. इस दौरान पार्टी ने लाखों लोगों को इक्ट्ठा कर अपनी राजनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन किया. हालांकि जमात-ए-इस्लामी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह शनिवार को 10 लाख लोगों को जुटाएगी.
बता दें कि शुक्रवार रात से ही ढाका विवि परिसर में हजारों समर्थक पहुंच चुके थे. वहीं, शनिवार की सुबह वो ऐतिहासिक सुवर्रवर्दी उद्यान के लिए रवाना हुए. दरअसल, ये वही जगह है, जहां 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के सामने पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था.
देश में न्याय होना जरूरी है: रहमान
इस दौरान पार्टी प्रमुख शफीकुर रहमान ने अक्टूबर 2006 से शुरू हुए राजनीतिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि इन घटनाओं में जो जिम्मेदार हैं, उन सभी के खिलाफ देश में न्याय होना जरूरी है. जब तक ऐसे मुकदमे नहीं होंगे, तब तक बांग्लादेश पुराने सिस्टम के तहत आगे नहीं बढ़ सकता. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना की सरकार ने अपनी सत्ता खोने से कुछ दिन पहले इस पार्टी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस की अस्थायी सरकार ने यह प्रतिबंध हटा लिया.
जबरन वसूली और भ्रष्टाचार नहीं होगा स्वीकार
इसके अलावा, शफीकुर रहमान ने भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के खिलाफ आंदोलन चलाने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हम वसूली और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं करेंगे और न ही इसे सहेंगे. यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो कोई भी सांसद या मंत्री सरकारी खजाने का दुरुपयोग नहीं करेगा.
रहमान ने जोर देते हुए कहा कि पार्टी का एक बड़ा एजेंडा राष्ट्रीय चुनावों में अनुपातात्मक प्रतिनिधित्व (प्रोपोरशनल रिप्रेजेंटेशन) प्रणाली लागू करना है. इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला मोहम्मद ताहेर ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात में यह चुनाव प्रणाली सबसे उपयुक्त है.