K-6 Hypersonic Missile: पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने हमला करने और आत्मरक्षा के लिए एक खतरनाक प्लान तैयार किया है. दरअसल, सूत्रों के मुताबिक, भारत ने रूस से s-400 की कुछ और यूनिट मंगवाया है, इसके अलावा जल्द ही ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल दागने की तैयारी कर चुका है. बता दें कि इस बार भारत जो मिसाइल दागने जा रहा है वो इतनी खतरनाक है कि भारत मिसाइलों की दुनिया का राजा बन सकता है.
मिसाइल बनी ईरान की सबसे बड़ी ताकत
दरअसल, ईरान और इजरायल जंग ने भारत को यह सीख दी है कि यदि चीन खुद या पाकिस्तान के जरिए हमला करता है, तो उसे किस रणनीति पर काम करना होगा. इसी के मद्देनजर भारत अब मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम और खतरनाक बैलेस्टिक मिसाइलों पर दांव खेल रहा है. बता दें कि जिस तरह ईरान ने इजरायल पर हमला किया है, उससे पूरी दुनिया हैरान है. ईरान के 90 प्रतिशत हमले मिसाइलों के जरिए जबकि 10 प्रतिशत ड्रोन के माध्यम से किए गए थें.
के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत
ऐसे में अब भारत के-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का परमाणु सबमरीन से परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है. इसकी हाइपरसोनिक की गति, मैक 7.5, लगभग 9,261 किमी/घंटा तक पहुंचने में सक्षम है. इसे मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल्स (MIRV) ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे एक ही मिसाइल कई लक्ष्यों पर सटीकता से हमला कर सकती है. MIRV की यह क्षमता K-6 को क्षेत्र निषेध और रणनीतिक निरोध के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बनाती है.
8,000 किमी तक की परिचालन सीमा
बता दें कि 8,000 किलोमीटर तक की परिचालन सीमा के साथ, K-6 उच्च-मूल्य वाले रणनीतिक और आर्थिक केंद्रों सहित विशाल क्षेत्रों को अपनी पहुंच में रखता है. वहीं, सैन्य विशेषज्ञ इसे एक बल गुणक के रूप में देखते हैं, विशेष रूप से बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती चीनी नौसेना की मुखरता को देखते हुए. यह मिसाइल परमाणु पेलोड के अलावा, कथित तौर पर पारंपरिक वारहेड ले जाने में सक्षम है, जो युद्ध परिदृश्यों के एक स्पेक्ट्रम में परिचालन लचीलापन प्रदान करती है.
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