Lithuania New PM: मंगलवार को लिथुआनिया की संसद ने एक बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच देश को नया प्रधानमंत्री दे दिया. मजदूर संघ की पूर्व नेता 44 वर्षीय राजनेता इंगा रुगिनिएने को संसद ने 78 बनाम 35 मतों से देश का नया प्रधानमंत्री चुना. यह चुनाव उनसे पहले के प्रधानमंत्री गिंतौतास पलुकस के इस्तीफे के बाद हुआ है.
पलुकस को क्यों देना पड़ा इस्तीफा?
गिंतौतास पलुकस पिछले वर्ष ही प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन उनकी छवि लगातार सवालों के घेरे में रही. जुलाई में कई मीडिया रिपोर्टों में उनके पुराने और मौजूदा कारोबारी लेन-देन पर गंभीर आरोप लगे. इसमें वित्तीय गड़बड़ी और पुराने मामलों से जुड़े आरोप शामिल थे. इन खुलासों के बाद देश की भ्रष्टाचार-रोधी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आधिकारिक जांच शुरू कर दी थी. दबाव बढ़ने पर पलुकस ने जुलाई के अंत में इस्तीफा दे दिया था.
कौन हैं इंगा रुगिनिएने?
इंगा रुगिनिएने मजदूर संघ परिसंघ की पूर्व प्रमुख रहीं हैं. पिछले वर्ष आम चुनाव से ठीक पहले उन्होंने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ज्वाइन की थी. इसके बाद वे पलुकस की सरकार में सामाजिक मामलों और श्रम मंत्री बनीं. अब वे सीधे प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गई हैं. वहीं, नई प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद इंगा रुगिनिएने ने संसद से कहा, ‘हमारा मकसद स्थिरता बहाल करना है और यह सुनिश्चित करना है कि सरकार वही काम करे, जो जनता ने उसे सौंपा है.’
राष्ट्रपति नौसेदा ने जताई उम्मीद
लिथुआनिया के राष्ट्रपति गितानस नौसेदा ने संसद में इंगा रुगिनिएने को नामित करते हुए कहा कि वे समझौते की तलाश करने वाली, रचनात्मक वार्ताकार हैं. राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि वह देश की राजनीति में स्थिरता लाएंगी.
लिथुआनिया में नई गठबंधन सरकार
सोमवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने दो छोटे दलों के साथ मिलकर एक नया केंद्र-वाम गठबंधन बनाया है. संसद में इस गठबंधन के पास 141 में से 82 सीटों का मजबूत बहुमत है. इसका मतलब है कि रुगिनिएने की सरकार को स्थिरता मिलेगी और वह बाकी बचे कार्यकाल (चार साल की अवधि) तक काम कर सकेगी.