म्यांमार के एक अस्पताल में एयर-स्ट्राइक, 30 लोगों की मौत; जानें दुनियाभर का क्‍या है इसपर रूख

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Myanmar Civil War: म्यांमार इन दिनों गृहयुद्ध से जूझ रहा है. इसी बीच बुधवार की रात रखाइन प्रांत के एक अस्पताल में एयर-स्ट्राइक हुई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 लोग घायल बताए जा रहे है. वहीं, माना जा रहा है कि इस हॉस्पिटल में विद्रोही ग्रुप अराकन आर्मी के लड़ाके इलाज करा रहे थे या छिपे हुए थे. फिलहाल म्यांमार सेना और सरकार की ओर से इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

2021 में तख्तापलट से शुरू हुआ गृहयुद्ध

बता दें कि 1 फरवरी 2021 को म्यांमार की सेना (तत्मादाव) ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंका. दरअसल, आंग सान सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) ने 2020 के चुनावों में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना ने धांधली का आरोप लगाकर सत्ता हथिया ली, जिससे देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिन्हें सेना ने हिंसक दमन से कुचल दिया.

इस दौरान विरोधियों ने पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) का गठन किया, जो नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) का सशस्त्र विंग है. साथ ही, दर्जनों जातीय सशस्त्र समूह (जैसे कारेन नेशनल यूनियन, काचिन इंडिपेंडेंस ऑर्गनाइजेशन) भी सेना के खिलाफ लड़ रहे हैं. ये समूह दशकों से स्वशासन की मांग कर रहे हैं.

विद्रोहियों का आधे म्यांमार पर कब्जा

रिपोर्ट के मुताबिक, विद्रोही समूहों ने साल 2024 तक देश के लगभग 40-50% इलाकों पर कब्जा कर लिया था, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों (जैसे शान स्टेट, राखाइन स्टेट) में. लेकिन साल 2025 में सेना ने काउंटरऑफेंसिव शुरू किया है. उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2025 में सेना ने ता’अंग नेशनल लिबरेशन आर्मी (TNLA) से क्यौकमे शहर वापस छीन लिया. हालांकि, सेना अभी भी बड़े शहरों (यांगून, नायपीडॉ) पर कंट्रोल रखती है.

इस दौरान चीन ने सेना को सैन्य सहायता और दबाव देकर समर्थन दिया, जिससे उसके पाइपलाइन और दुर्लभ मिट्टी के खनन परियोजनाएं सुरक्षित रहें. इससे विद्रोहियों को झटका लगा.

म्यांमार में दुनिया की सबसे दुर्लभ खनिज संपदा

वहीं, जानकारों का कहना है कि दुनियाभर की बड़ी शक्तियां म्यांमार के गृहयुद्ध में आग में घी डालने का काम कर रही हैं. वो खनिज संपदा पर कब्जे के लिए अपनी अपनी चालें चल रही हैं. वहीं, म्यांमार की उत्तरी सीमा पर दुनिया के तीसरे सबसे बड़े रेयर अर्थ डिपॉजिट हैं, जिसमें डिस्प्रोसियम भी शामिल है.

बता दें कि यह एक ऐसा मिनरल है जो प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बेहद जरूरी है. इसीलिए जिसका इसपर कंट्रोल होगा, वो लंबे समय तक दुनिया में अपना वर्चस्व बनाए रखेगा, क्योंकि इसी से वो एडवांस हथियार बना सकेगा और अपनी टेक्नोलॉजी को विस्तार दे पाएगा.

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