Nargis Mohammadi: ईरान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. पेरिस स्थित फाउंडेशन ने कहा कि हाल ही में अपने कार्यालय में मृत पाए गए वकील खोसरो अलिकोरदी की स्मृति सभा के दौरान सुरक्षा और पुलिस बलों ने मोहम्मदी को हिंसक तरीके से गिरफ्तार किया गया. इससे पहले 36 साल तक जेल में रह चुकी है.
बता दें कि मोहम्मदी शुक्रवार को एक दिवंगत मानवाधिकार वकील की स्मृति सभा में गई थीं. इस दौरान ही ईरानी सुरक्षाबलों ने हिंसक तरीके से उन्हें गिरफ्तार किया. दरअसल, 53 वर्षीय मोहम्मदी 2024 से मेडिकल ग्राउंड पर अस्थायी रिहाई पर थीं और उन्हें दोबारा जेल भेजे जाने की उम्मीद नहीं थी.
किस आरोप में गिरफ्तार हुई मोहम्मदी?
वहीं, फाउंडेशन ने पुष्ट रिपोर्टों और उनके भाई मेहदी का हवाला दिया. समर्थकों द्वारा साझा किए गए एक वीडियों में मोहम्मदी को बिना हिजाब के भीड़ को संबोधित करते हुए और नारे लगवाते हुए देखा गया. फिलहाल फाउंडेशन ने इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी कि आखिर नरगिस मोहम्मदी को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि साल 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली नरगिस मोहम्मदी को ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहद में गिरफ्तार किया गया. वो दिसंबर 2024 से तीन हफ्ते की मेडिकल ग्राउंड पर अस्थायी रिहाई पर थीं, जो बढ़ते-बढ़ते कई महीनों तक चलती रही. उस वक्त डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि दिल के दौरे, बड़ी सर्जरी और पिछले साल के अंत में हड्डी में पाई गई गांठ को हटाने के इतिहास को देखते हुए उन्हें दोबारा जेल भेजना उनकी जान के लिए खतरा हो सकता है.
पांच बार दोषी, 13 बार जेल भेजा गया
दरअसल, कमजोर स्वास्थ्य के बावजूद, मोहम्मदी देश में एक्टिव रहती हैं. वो प्रदर्शनों में शामिल होती रहीं और यहां तक कि तेहरान की एविन जेल के बाहर भी प्रदर्शन किए, जहां उन्हें पहले रखा गया था. उन्होंने अब तक 36 साल जेल में बिताए. उन्हें पांच बार दोषी ठहराया गया और 13 बार जेल भेजा गया. बता दें कि उनकी आखिरी कैद 2021 में शुरू हुई थी, जिसकी वजह भी एक स्मृति सभा में उनकी मौजूदगी बनी थी.
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