Nayara Energy: भारत से पंगा यूरोपियन यूनियन को महंगा पड़ गया है. दरअसल, जिस तेल कंपनी पर ईयू ने एकतरफा प्रतिबंध लगाया था, अब वहीं कंपनी भारत में 70 हजार करोड़ का विशाल निवेश करने जा रही है. रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली नायरा एनर्जी ने ईयू को जवाब देते हुए भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की राह पर एक नया इतिहास रचने का ऐलान कर दिया.
बता दें कि नायरा एनर्जी वही कंपनी है पहले जिसे इजर ऑयल के नाम से जाना जाता था. इस समय नायरा एनर्जी गुजरात के वाडीनार में 2 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली तेल रिफाइनरी संचालित करती है. इस कंपनी के देशभर में करीब 6,800 फ्यूल आउटलेट हैं. बता दें कि नायरा भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 8% और फ्यूल रिटेल नेटवर्क का 7% हिस्सा संभालती है.
ईयू ने नायरा एनर्जी पर प्रतिबंध
दरअसल, रूस यूक्रेन जंग के वजह से ईयू ने रूसी कंपनियों पर 18वां प्रतिबंध पैकेज जारी कर दिया, जिसमें भारत की कंपनी नायरा एनर्जी को भी शामिल कर लिया गया. ईयू का दावा है कि नायरा एनर्जी रूसी क्रूड प्रोसेसेज करती है. लेकिन हकीकत तो ये है कि भारत एक स्वतंत्र, संप्रभु राष्ट्र है और उसका तेल खरीदना नीतिगत अधिकार है. ऐसे में नायरा सिर्फ घरेलू जरूरतों के लिए क्रूड आयात करती है. न कि यूरोप को सप्लाई करती है, लेकिन ईयू ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को कोलैट्रल डैमेज की तरह ट्रीट किया.
यूरोपीय संघ के प्रतिबंध को बताया अन्यायपूर्ण
यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों पर कंपनी ने कहा कि यह कदम भारत के हितों को कमजोर ही नहीं करता है, बल्कि लाखों भारतीय नागरिकों और उद्योगों के लिए आवश्यक पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति को बाधित करने का जोखिम भी पैदा करता है. साथ ही कंपनी ने ये भी कहा कि वो भारत के लिए एक विश्वसनीय ऊर्जा भागीदार के रूप में अपनी भूमिका में दृढ़ है. वो दीर्घकालिक अवधि में पेट्रोरसायन, एथनॉल संयंत्रों, विपणन अवसंरचना के विस्तार और ईएसजी परियोजनाओं पर 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जारी रखेगी. हालांकि, उसने परियोजनाओं के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी.
नायरा ने 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का किया निवेश
नायरा ने कहा है कि उसने अगस्त 2017 से भारत में विभिन्न परियोजनाओं में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. ऐसे में वो भारत की कुल शोधन क्षमता का करीब आठ प्रतिशत और खुदरा पेट्रोल पंप नेटवर्क का सात प्रतिशत योगदान करती है. इसके साथ ही कंपनी ने उसने पूरे देश में 55,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर्मचारियों को रोजगार देने का दावा भी किया है.
नायरा एनर्जी में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश
भारत-रूस की नायरा एनर्जी ने डाउनस्ट्रीम बुनियादी ढांचे में 70,000 करोड़ रुपये के बड़े निवेश के साथ भारत के ऊर्जा भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. इसके साथ ही उसने यूरोपीय संघ के नवीनतम प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें भारत के हितों के लिए हानिकारक बताया है.
ईयू का फैसला देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा
बता दें कि यूरोपीय संघ द्वारा रूसी कच्चे तेल से जुड़ी संस्थाओं पर शिकंजा कसने के लिए लगाए गए 18वें दौर के प्रतिबंधों में विवादास्पद रूप से नायरा एनर्जी को भी शामिल किया गया है, जो एक निजी भारतीय कंपनी है और पूरी तरह से भारतीय कानूनों के तहत काम करती है. हालांकि ईयू के इस निर्णय से व्यापक चिंता उत्पन्न हो गई है, तथा भारत में कई लोग इसे एक अतिक्रमण के रूप में देख रहे हैं, जो देश की ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है.
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