Kathmandu: नेपाल का भी भारत विरोधी चेहरा उजागर हो गया है राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने भारत विरोधी सोच रखने वाले काठमांडू महानगरपालिका के मेयर बालेंद्र शाह उर्फ बालेन को आगामी आम चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. बालेंद्र शाह को बालेन के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि बालेन शाह भारत की कई बार आलोचना कर चुके हैं. उनके बयान से कई बार ऐसा महसूस हुआ कि वो नेपाल की भारत से निर्भरता की कोशिश करने का समर्थन करते हैं.
कालापानी-लिपुलेख को लेकर सख्त बयानबाजी
बालेंद्र शाह ने कई बार भारत के साथ सीमा विवाद जैसे कालापानी-लिपुलेख को लेकर सख्त बयानबाजी की है. उन्होंने अपने बयानों में नेपाल की राजनीति में भारत के हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया है. हालांकि राहत की बात ये है कि उन्होंने चीन के समर्थन में भी अभी तक बयानबाजी नहीं की है. उनके अभी तक चीन समर्थक होने के भी संकेत नहीं मिले हैं. मालूम हो कि देश में आम चुनाव 5 मार्च को होने हैं. काठमांडू महानगरपालिका के महापौर बालेंद्र शाह को राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी RSP की ओर से रविवार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया.
आम चुनाव मिलकर लड़ने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर
इससे पहले बालेन और RSP ने नेपाल आम चुनाव मिलकर लड़ने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. रातभर चली लंबी बातचीत के बाद हुए सात सूत्री समझौते के तहत 35 वर्षीय बालेन को संसदीय दल का नेता एवं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया जबकि रबी लामिछाने भंग हो चुकी प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में चौथी सबसे बड़ी पार्टी RSP के अध्यक्ष बने रहेंगे.
RSP के चुनाव चिह्न घंटी पर लड़ेगा चुनाव
समझौते के अनुसार बालेन और उनका समूह निर्वाचन आयोग द्वारा आवंटित RSP के चुनाव चिह्न घंटी पर चुनाव लड़ेगा. समझौते के बाद रबी लामिछाने ने कहा कि यह सहमति व्यक्तिगत नेताओं की महत्वाकांक्षाओं के बजाय देश की जरूरतों को प्रतिबिंबित करनी चाहिए. उन्होंने यह बात रविवार सुबह फेसबुक पोस्ट में कही. समझौते में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ युवा पीढ़ी द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की जिम्मेदारी ली है और जेन-जेड के प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाई गई मांगों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है.
बड़ी संख्या में जेन-जेड समर्थकों के RSP में शामिल होने की संभावना
पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह समझौता युवा-नेतृत्व वाली उन उभरती राजनीतिक ताकतों को एकजुट करने की दिशा में एक अहम कदम है जिन्होंने सितंबर के आंदोलन का नेतृत्व किया था. इसी आंदोलन के कारण केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी. इस समझौते के बाद बड़ी संख्या में जेन-जेड समर्थकों के RSP में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि ऊर्जा और जल संसाधन मंत्री कुलमान घिसिंग के नेतृत्व वाले एक अन्य नवगठित दल उज्यालो नेपाल पार्टी (यूएनपी) ने गठबंधन में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.
सहयोग पर बालेन के साथ कई दौर की वार्ता
मंत्री ने एकजुटता और सहयोग पर बालेन के साथ कई दौर की वार्ता की है. समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के दौरान आरएसपी के वरिष्ठ नेता डॉ. स्वर्णिम वागले, डीपी आर्यल और शिशिर खनाल मौजूद थे. लामिछाने की ओर से असीम शाह शामिल हुए जबकि बालेन शाह के पक्ष से कुमार ब्यांजंकर, निश्चल बसनेत और भूप देव शाह उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर खेल और विज्ञान तक, PM Modi ने गिनाईं 2025 की उपलब्धियां