नेपाल में अंतरिम सरकार की मुखिया होंगी सुशीला कार्की, पूर्व राजा ने Gen-Z को दिया संदेश, कहा- मां जननी को पाना चाहते हो तो…

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Nepal Protests : हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया के प्र‍तिबंध को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के चलते रॉयल फैमिली के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र बी. बी. शाह ने हिंसा पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्‍होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुखद और पीड़ादायक है. इतना ही नही बल्कि इस घटना में जिन लोगों की जान गई, उनके परिवारों के प्रति उन्होंने गहरी संवेदना प्रकट की.

घटना के दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

इस मामले को लेकर ज्ञानेन्द्र शाह ने साफ शब्‍दों में कहा कि इस निंदनीय घटना के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्‍त और कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्‍होंने अपने संदेश में जीन जी के साहस और योगदान को भी याद किया. जानकारी देते हुए बताया कि जीन जी ने अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस हिम्मत से आवाज उठाई, वह सराहनीय है और देश उनके प्रयासों को हमेशा सम्मान देगा.

पूर्व राजा ने युवाओं को दिया संदेश

इस दौरान अपने संबोधन में लोगों को प्रेरित करते हुए पूर्व राजा ने कहा कि  “हे वीर, आगे बढ़. पीछे हटने की बात मत कर. ऐसे में अगर मां (जननी) को पाना चाहते हो तो नेपाल की खोज करना शुरू करो.” प्ररेणा देने के दौरान उनका यह संदेश नेपाल में मौजूदा हालात को देखते हुए एक बड़ा बयान माना जा रहा है.

सरकार के फैसले पर लोगों का फूटा गुस्सा  

 इसके साथ ही यह तनाव उस समय और बढ़ गया जब सरकार ने फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाई. उनके इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए युवाओं ने 8 सितंबर से Gen-Z रिवोल्यूशन के नाम पर आंदोलन की शुरुआत की. ऐसे में देखते ही देखते यह विरोध इतना बढ़ गया कि स्थिति सरकार के काबू से बाहर होती चली गई. अंत में प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, यहां तक कि देश छोड़कर भागना पड़ा.

सरकार को लेकर राजनीति में तेज हुई हलचल  

इस समय राजनीति में नेपाल की नई सरकार को लेकर हलचल तेज हो गई है. फिलहाल सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बन गई है इसके साथ ही यह जानकारी संसद के स्पीकर को दे दी गई है. इस दौरान राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राजनीतिक सहमति बनाने के लिए पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी. इसके साथ ही उन्होंने कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ से बात की और विश्वप्रकाश शर्मा से भी उन्होंने फोन पर बात की.

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