Nepal: सुशीला कार्की ने संभाला प्रधानमंत्री पद का कार्यभार, कहा- हिंसा में शामिल लोगों की जांच की जाएगी

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Nepal: रविवार की सुबह 11 बजे सिंह दरबार में नेपाल की नवनियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाल लिया. पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की को बीते शुक्रवार की रात अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री सुशीला कार्की रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती हैं. वह मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने में अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार छोटा होगा.

मैं और मेरी टीम सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए

पदभार संभालने के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की जांच की जाएगी. मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं. हम छह महीने से अधिक नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे. आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि नेपाल में 24 घंटे की आवाजाही पहली प्राथमिकता है. वे आर्थिक समानता और भ्रष्टाचार उन्मूलन की मांग कर रहे हैं.

लगभग दो दर्जन मंत्रालय अपने पास रख सकती हैं पीएम कार्की

वहीं, दूसरी तरफ पीएम कार्की गृह, विदेश और रक्षा सहित लगभग दो दर्जन मंत्रालय अपने पास रख सकती हैं. मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच शनिवार को समय निकालकर वह सरकार विरोधी प्रदर्शन में घायलों से मिलने सिविल अस्पताल भी गईं थीं. शुक्रवार को शपथ लेने के तत्काल बाद भी उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना था.

मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं 15 से अधिक मंत्री

काठमांडू पोस्ट के अनुसार, पीएम कार्की ने अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने की तैयारी के लिए जेन जी आंदोलन के करीबी सलाहकारों और प्रमुख हस्तियों के साथ परामर्श शुरू कर दिया है. उनके एक सहयोगी ने दावा किया है कि कार्की अपने मंत्रिमंडल के गठन के लिए गहन चर्चा शुरू करेंगी. सभी 25 मंत्रालयों पर अधिकार रखने के बावजूद वह कथित तौर पर 15 से अधिक मंत्रियों के साथ एक सुव्यवस्थित मंत्रिमंडल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

मंत्री पदों के लिए इन नामों पर चल रहा है विचार 

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री पदों के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओमप्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आनंद मोहन भट्टाराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमन घीसिंग शामिल हैं. चिकित्सा क्षेत्र से डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ जैसे प्रमुख लोगों के नामों पर विचार चल रहा है.

जेनरेशन जेड के सदस्य भी कर रहे हैं समानांतर परामर्श

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जेनरेशन जेड के सदस्य भी समानांतर परामर्श कर रहे हैं. इसके लिए वह ऑनलाइन वोटिंग का भी सहारा ले रहे हैं. अगर इन नामों पर आम सहमति बन जाती है, तो मंत्रिमंडल रविवार शाम तक शपथ ले सकता है, हालांकि चर्चा के नतीजों के आधार पर इसे सोमवार तक के लिए भी टाला जा सकता है.

2026 में होंगे संसदीय चुनाव

शुक्रवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नव नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर देश की संसद (प्रतिनिधि सभा) को भंग कर दिया था. राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, सदन का विघटन 12 सितंबर 2025 की रात 11 बजे से प्रभावी हुआ. अंतरिम सरकार बनने के साथ ही अधिकारियों ने देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव कराने का भी ऐलान कर दिया. नेपाल में अब 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराए जाएंगे.

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ बीते सोमवार को केपी शर्मा ओली सरकार के खिलाफ शुरू हुए जेन-जी के आंदोलन के दौरान जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थी. आंदोलकारियो की पुलिस से तीखी झड़पे हुई थी. इस हिंसा में कम से कम 51 लोग मारे गए थे. पीएम ओली सहित उनके मंत्रियों को पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद नेपाल की सेना ने सुरक्षा व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया था.

More Articles Like This

Exit mobile version