Netanyahu-Donald Trump : इजरायल-ईरान के बीच 12 दिनों तक लगातार हमले होने के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर के लिए सहमति बनी है. जानकारी के मुताबिक, जंग के दौरान ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स नतांज, फोर्डो और इस्फहान पर सबसे ज्यादा हमले किए गए.
नेतन्याहू-ट्रंप की बढ़ी टेंशन
जानकारी के मुताबिक, ईरान पर हमला करने के दौरान इजरायल ने दावा किया था कि ईरान तेजी से न्यूक्लियर प्रोग्राम पर काम कर रहा है और इजरायल के हमले का मकसद उसको परमाणु हथियार बनाने से रोकना है. बता दें कि ईरान के साथ युद्ध में इजरायल के साथ अमेरिका भी उसके साथ था, लेकिन ईरान ने पासा पलटते हुए ऐसा खेल खेला कि जिसने बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ा दी है.
ईरान ने सीक्रेट लोकेशन पर छिपाए यूरेनियम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले को लेकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का कहना है कि ईरान का 400 किलोग्राम यूरेनियम कहां गया, इसका कोई हिसाब नहीं है. ऐसे में उन्होंने कहा कि इस यूरेनियम से 10 न्यूक्लियर हथियार बनाए जा सकते हैं. इस दौरान इजरायली अधिकारियों ने बताया कि ईरान ने हमलों से पहले ही यूरेनियम किसी सीक्रेट लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया था.
बता दें कि ईरान पर अमेरिकी हमलों से पहले और बाद की सैटेलाइट इमेज भी सामने आई हैं. हमलों से पहले फोर्डो न्यूक्लियर साइट की सैटेलाइट इमेज में प्लांट के बाहर 16 ट्रक दिखाई देते हैं. जबकि सैटेलाइट तस्वीर में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को अमेरिका के हमलों से नुकसान हुआ है.
अमेरिका-इजरायल के बीच टेंशन
ऐसे में हमले के दौरान ट्रक के गायब होने से अमेरिका और इजरायल के बीच इसे लेकर टेंशन बना हुआ है. ऐसे में ट्रक के गायब होने पर इजरायल और अमेरिका को पूरा विश्वास है कि ईरान ने हमले से पहले ही यूरेनियम को ईरान की प्राचीन राजधानी इस्फहान में एक अंडरग्राउंड फैसिलिटी में शिफ्ट कर दिया था.
ईरान के दो परमाणु ठिकानों पर दागी मिसाइलें
जानकारी के मुताबिक, 21 जून को अमेरिकी नौसेना की गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी जॉर्जिया ने 30 टोमहॉक लैंड अटैक मिसाइलें नतांज और इस्फहान में ईरान के दो परमाणु ठिकानों पर दागी थीं. इस दौरान B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 मैसिव ऑर्डिनेंस पेनेट्रेटर बम गिराए थे.
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