Estonia Russia conflict: यूक्रेन के साथ जंग के बीच रूस का एक और देश के साथ तनाव बढ़ गया है. नाटो का सदस्य देश एस्टोनिया ने समुद्र में रूस के ‘शैडो फ्लीट’ यानी गुपचुप जहाज पर बड़ी कार्रवाई की कोशिश की. जानकारी के अनुसार, छोटा-सा देश एस्टोनिया की नेवी और एयरफोर्स ने बाल्टिक सागर में एक संदिग्ध रूसी तेल टैंकर को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों देशों की वॉरशिप्स और फाइटर जेट्स आमने सामने आ गए.
किस जहाज पर हुआ विवाद?
इस मामले के बाद रूस और नाटो के रिश्तों में एक और तनावपूर्ण मोड़ आ गया है. Jaguar जहाज को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद हुआ है. ये 800 फीट लंबा कच्चा तेल ले जाने वाला टैंकर है, जो दिखावे के लिए गैबॉन का झंडा लगा कर चल रहा था, लेकिन ब्रिटेन ने हाल ही में इस पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे रूस की शैडो फ्लीट का हिस्सा बताया. शैडो फ्लीट वो जहाज होते हैं जो रूस पर लगे प्रतिबंधों के बाद भी गुपचुप तरीके से तेल पहुंचाने का काम करते हैं.
नाटो और रूस के लड़ाकू विमान आमने-सामने
एस्टोनिया की ओर से जब इस जहाज को रोका गया, तो उसने सहयोग करने से मना कर दिया, जिसके बाद नाटो की ओर से पोलैंड के MiG-29 लड़ाकू विमानों को अलर्ट पर भेजा गया. जवाब में रूस ने अपना Su-35S फाइटर जेट भेज दिया, जिसने कथित तौर पर एस्टोनिया की हवाई सीमा का उल्लंघन किया. इसके बाद बाल्टिक सागर के ऊपर एक तनावपूर्ण डॉगफाइट यानी हवा में झड़प हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ.
हेलिकॉप्टर से चढ़ाई की कोशिश, लेकिन…
एस्टोनिया ने A139 हेलिकॉप्टर और M-28 Skytruck विमान भी भेजे. सैनिकों ने हेलिकॉप्टर से जहाज पर उतरने की कोशिश की, लेकिन रूसी क्रू मेंबर्स ने उन्हें रोक दिया. जहाज से रूसी भाषा में आवाज आई “इन जोकरों को देखो”, जो कि एस्टोनियाई सैनिकों के लिए कही गई थी. लंबे तनाव के बाद टैंकर जगुआर एस्टोनिया को चकमा देकर रूस के कब्जे वाले गोगलैंड द्वीप के पास पहुंच गया और वहां लंगर डाल दिया. रूसी मीडिया ने इसे बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों की कोशिशें नाकाम हो गईं.
राजनयिक स्तर पर भी टकराव
इस घटना के बाद एस्टोनिया ने रूस के राजनयिक लेनार सलीमुलिन को तलब कर सख्त विरोध दर्ज कराया. एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गुस त्साहकना ने कहा है कि ये बहुत गंभीर और अस्वीकार्य घटना है. रूस पर कड़े और तेज़ प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए. एस्टोनिया के रक्षा मंत्री हैनो पेवकुर ने कहा कि ये जहाज बिना किसी वैध राष्ट्रीयता के चल रहा था और देश की क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए खतरा बन सकता था. इसलिए हमने इसे रूस की जलसीमा तक पहुंचने तक एस्कॉर्ट किया.
ये भी पढ़ें :- दरभंगा: सारे रूल्स तोड़ पैदल ही आंबेडकर हॉस्टल पहुंचे राहुल गांधी, दरभंगा DM करेंगे मुकदमा