Pakistan Airstrike: अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है. साथ ही उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा में हुए एयरस्ट्राइक की भी कड़ी निदा की है. सालेह ने कहा कि अब पाकिस्तान के टूटने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
सालेह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के ज़रिए न सिर्फ पाकिस्तान सरकार, बल्कि उसकी सेना और मीडिया को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने पाकिस्तानी लोगों पर गिराए गए लेजर-गाइडेड बम को लेकर कहा कि यदि यही बमबारी पंजाब के किसी गांव में होती और 23 नागरिक मारे जाते, तो क्या तब भी पाकिस्तान की मीडिया और सरकार इतनी चुप रहती?
आतंकी ठिकाने या निर्दोष नागरिक?
बता दें कि बीते दिन पाकिस्तान की वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी स्थित मत्रे दारा गांव पर चीन के J-17 विमानों से 8 लेजर-गाइडेड बम गिराए. जिसमें करीब 30 लोगों की मौत हुई है. हालांकि पाकिस्तानी सेना का दावा है कि यह हमला टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के एक बम बनाने वाले ठिकाने पर किया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि हमले का निशाना आम नागरिक बने.
तालिबान और टीटीपी ‘पाकिस्तान में पाले गए ज़हर’
अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि तालिबान और टीटीपी जैसी ताकतों को पाकिस्तान ने ही पाल-पोसकर बड़ा किया है, और अब वही ज़हर खुद पाकिस्तान को खा रहा है. ऐसे में पाकिस्तान को इस जहर की काट जरूरत है, लेकिन F-16 जैसे लड़ाकू विमानों से बेकसूर नागरिकों पर बम बरसाना उसका हल नहीं है.
पाक मीडिया और राजनीतिक वर्ग पर भी उठाया सवाल
वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए सालेह ने कहा कि साल 2020 में तालिबान की तारीफ करने वाले उनके बयानों के लिए उन्हें अफगान जनता से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि उर्दू और अंग्रेज़ी मीडिया ने खैबर पख्तूनख्वा की इस घटना को शायद ही प्रमुखता से कवर किया हो. उन्होंने पूछा कि क्या यह वही पाकिस्तान है जो दुनिया को अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों पर उपदेश देता है, लेकिन अपने ही नागरिकों की आवाज़ को दबा देता है?
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