Pakistan-Kuwait Visa Ban: कुवैत ने आज से 14 साल पहले वर्ष 2011 में पाकिस्तान समेत कई देशों पर सुरक्षा का हवाला देते हुए वीजा बैन लगाया था, जिसकी वजह क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंकवाद को माना गया. वहीं, अब कुवैत ने एक नई शुरुआत करते हुए इन प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है, जिससे पाकिस्तान के नागरिकों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलने वाले हैं.
कुवैत सरकार के इस फैसले के बाद अब पाकिस्तानी नागरिक वर्क वीजा, फैमिली विजिट, बिज़नेस वीज़ा और टूरिस्ट वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं. दरअसल, इस वक्त कुवैत सरकार हेल्थ सेक्टर में सुधार और लेबर डिमांड को पूरा करने के लिए विदेशी कामगारों की ओर देख रही है.
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर
मीडिया रिपोर्ट्स की माने, तो कुवैत ने 1200 पाकिस्तानी नर्सों को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए वीजा की प्रक्रिया को और भी सरल और तेज किया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि आईटी, कंस्ट्रक्शन, जनरल लेबर और अन्य सेक्टर्स में विशेषत: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए नौकरियां खोली जा रही हैं.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
बता दें कि पाकिस्तान में इस समय बेरोजगारी चरम पर है, वहीं, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी गंभीर संकट से जुझ रही है, डॉलर की भारी कमी है और IMF से कर्ज की बातचीत लगातार जारी है. ऐसे में कुवैत का यह कदम पाकिस्तानी सरकार के लिए एक बड़ी राहत माना जा रही है.
दरअसल, साल 2011 में कुवैत ने पाकिस्तान, ईरान, सीरिया, अफगानिस्तान और यमन जैसे देशों के नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध लगाया था. जिसका प्रमुख कारण बढ़ता आतंकवाद और चरमपंथ का डर, खाड़ी देशों में राजनीतिक अस्थिरता, अप्रवासी मजदूरों और स्थानीय नागरिकों के बीच सामाजिक तनाव और आंतरिक सुरक्षा और संसाधनों की सुरक्षा थी.
कुवैत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती
उस वक्त कुवैत ने स्पष्ट किया था कि ये फैसले देश की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए लिए गए थे. वहीं, अब पाकिस्तान से इन प्रतबिंधों को हटाना कुवैत और पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग और रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
रोजगार के नए अवसर
कुवैत सरकार के इस फैसले से इस्लामाबाद में रोजगार और रेमिटेंस के माध्यम से आर्थिक मजबूती मिलेगी. वहीं, पाकिस्तानी वर्कर्स कुवैत में स्थायी आधार पर काम कर पाएंगे, जिससे देश के लिए डॉलर की आमद होगी. इसके अलावा कुवैत को भी कम लागत में दक्ष श्रमिक मिल सकेंगे, जिससे उनके प्रोजेक्ट्स की गति तेज होगी.
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