पाकिस्तान ने UNSC में संभाला अध्यक्ष पद, भारत आतंकवाद के मुद्दे पर करेगा…

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Pakistan UNSC Presidency : पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने के बाद ‘इस्लामाबाद’ की सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता को भारत ने उजागर किया. बता दें कि सबसे पहले भारत ने पहलगाम में किए गए हमले को याद दिलाया, जोकि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था जानकारी के मुताबिक, यह कदम वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता की चिंता के बीच उठाया गया है, जब पाकिस्‍तान हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया.

पाकिस्तान के अध्यक्ष बनने से एक दिन पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र भवन के प्रवेश द्वार पर ‘द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म’ नामक प्रदर्शनी आयोजित कर पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका को उजागर किया.

आतंकवाद के पीछे के दोषियों को करेंगे बेनकाब

इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि यह प्रदर्शनी आतंकवाद के पीछे के दोषियों को बेनकाब करने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की मांग के लिए है. जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान अपने ‘सदाबहार मित्र’ चीन के साथ मिलकर काम करता है. अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान को प्रक्रिया के नियमों और कूटनीतिक परंपराओं का पालन करना होगा.

आतंकवाद कट्टरतावाद की भावना प्रेरित

ऐसे में उन्होंने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि किसी देश द्वारा आतंकवाद को पड़ोसी के खिलाफ समर्थन दिया जाता है और इस समर्थन के दौरान आतंकवाद यह कट्टरतावाद की भावना से प्रेरित होता है.

इस मामले को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि  ‘‘जब तक आतंकवाद को पड़ोसी देश के खिलाफ समर्थन दिया जाता है, जब आतंकवाद को यह तमाम तरह की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है.  तो इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना जरूरी है और ऐसा करने का एक तरीका यह है कि वैश्विक समाज में इसके द्वारा मचाई गई तबाही को प्रदर्शित किया जाए.’’

विदेश मंत्री ने आतंकवाद को लेकर कहा..

जनकारी के मुताबिक, इस बात को स्‍पष्ट करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रेखांकित किया कि आतंकवाद के पीड़ितों के परिवारों का दर्द ‘‘आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने की हमारी साझा जिम्मेदारी की तत्काल आवश्यकता की एक स्पष्ट याद दिलाता है.’’ इस मामले को लेकर उनका कहना है कि यहां संयुक्त राष्ट्र में, ‘‘हमें न केवल याद रखना चाहिए’’ बल्कि उन मूल्यों और मानवाधिकारों के लिए कार्य करने और उन्हें बनाए रखने के लिए ‘‘प्रतिबद्ध’’ होना चाहिए जिन्हें आतंकवाद नष्ट करना चाहता है.

मानवता के लिए गंभीर खतरा

ऐसे में मानवता के लिए उन्‍होंने आतंकवाद को गंभीर खतरा बताया.  इस दौरान उनका कहना है कि ‘‘किसी भी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए. वर्तमान समय में पहलगाम आतंकी हमले के बाद हम अच्छी तरह से जान चुके हैं कि आतंकवाद हर जगह की शांति के लिए खतरा है. इस प्रकार इस समझ को हमारी सामूहिक सोच और प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करना चाहिए.’’

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