Russia America China Talk Update : भारत और अमेरिका के टैरिफ विवाद के बीच चीन ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है. जानकारी देते हुए बता दें कि चीन ने परमाणु अप्रसार पर वार्ता के लिए अमेरिका और रूस के साथ एक टेबल पर बैठने से इनकार कर दिया है. ऐसे में चीन ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अमेरिका और रूस के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता में शामिल नहीं होगा.
चीन ने त्रिपक्षीय वार्ता के आह्वान को किया खारिज
चीन ने मुख्य रूप से परमाणु अप्रसार संधि के तहत होने वाली परमाणु अप्रसार पर त्रिपक्षीय वार्ता के आह्वान को खारिज कर दिया है. इस मामले को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन का कहना है कि चीन से त्रिपक्षीय वार्ता में भाग लेने की उम्मीद करना तर्कसंगत के बराबर है.
इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज
जानकारी देते हुए बता दें कि वर्तमान समय में रूस और अमेरिका के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अगस्त 2025 को रूस ने एक घोषणा करके साल 1987 से चल रही इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) संधि खुद को अलग कर लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार जब अमेरिका ने रूस पर टैरिफ लगाने के साथ आर्थिक प्रतिबंध बढ़ाए तो उसने संधि से अलग होने का फैसला लिया.
SIPRI की रिपोर्ट ने दी जानकारी
इसके साथ ही चीन का परमाणु विस्तार करना भी तीनों देशों में तनाव का एक कारण है. मीडिया रिपोर्ट के दौरान साल 2024 में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट आई थी और इसमें चीन के परमाणु हथियारों के बारे में जानकारी दी गई थी. इस दौरान जनवरी 2023 में चीन के पास 410 परमाणु हथियार थे, जिनकी संख्या साल 2024 में 500 हो गई.
अमेरिका का रणनीति बदलना भी तनाव का कारण
बता दें कि अमेरिका की बदलती रणनीति ने भी तनाव को बढ़ाया है. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि साल 2024 में उन्होंने न्यूक्लियर एंप्लॉयमेंट गाइडेंस में बदलाव किया था. ऐसे में उनके इस बदलाव के तहत रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया के साथ संभावित परमाणु युद्ध पर विशेष निर्देश दिए गए. इसके साथ ही युद्ध की तैयारी करने को भी कहा गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका चीन के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंतित है.
इसे भी पढ़ें :- उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस देश का करेंगे दौरा, परेशान हो जाएगा अमेरिका