Russia-Ukraine war : रूस ने रविवार को यूक्रेन के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया, जिसमें एक यूक्रेनी पायलट की मौत भी हो गई. जानकारी ने मुताबिक, यूक्रेनी सेना ने बताया रूस ने हमले के दौरान पिछली रात कई सारे ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे. ऐसे में रूसी सेना के निशाने पर एक F-16 फाइटर जेट आ गया और तबाह हो गया. बता दें कि हमले के दौरान अब तक रूस ने 500 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागकर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया. रूस के इस हमले ने पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य यूक्रेन के कई इलाकों को दहला दिया.
रूस ने किया शक्तिशाली बमबारी
जानकारी देते हुए यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूसी हमले के मुताबिक उन्होंने 477 ड्रोन और 60 मिसाइलों का सामना किया. जिनमें से उन्होंने 249 ड्रोन को मार गिराया गया और 226 को इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के ज़रिए बेअसर किया गया. बता दें कि युद्ध की शुरुआत के बाद से यह हमला रूस की ओर से सबसे शक्तिशाली बमबारी अभियान के रूप में देखा जा रहा है.
पायलट ने मार गिराए 7 टारगेट
ऐसे में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के में वायु सेना ने हमले को रोकने के प्रयास में एक F-16 फाइटर जेट रूसी सेना का टारगेट बन गया और उसका पायलट शहीद हो गया. बता दें कि उस हमले में पायलट ने 7 हवाई हमलों को मार गिराया, इस दौरान आखिरी टारगेट पर हमला करते समय जेट को नुकसान पहुंचा.
हमले में विमान हुआ क्षतिग्रस्त
ऐसे में मिसाइल से टकराने के बाद फाइटर जेट ऊंचाई से तेजी से गिरने लगा. हमले के बाद भी पायलट ने विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाने की कोशिश की. इसके साथ ही टेलीग्राम पर बयान जारी करते हुए यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि पायलट ने अपने सभी ऑनबोर्ड हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन आखिरी हमले में विमान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और वह समय पर बाहर नहीं निकल सका.
यूक्रेन पर तेज किए हवाई हमले
दोनों देशों में बढ़ते युद्ध को देखते हुए रूस की तरफ से बमबारी की रणनीति को तेज करने का संकेत है. जानकारी के मुताबिक, रूस ने इस हमले के दौरान यूक्रेन पर क्रूज, बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ-साथ ‘फाल्स टारगेट्स’ (नकली हथियार) का भी इस्तेमाल किया ताकि यूक्रेनी डिफेंस सिस्टम को भ्रमित किया जा सके.
अमेरिका और सहयोगियों से मिला था समर्थन
बता दें कि हाल ही में यूक्रेन को नीदरलैंड और डेनमार्क की मदद से F-16 लड़ाकू विमानों की पहली खेप मिली थी. इन विमानों को अमेरिकी ट्रेनिंग सहयोग के तहत ऑपरेट किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 मई 2025 को वोल्केल एयरबेस से दो अंतिम F-16 विमानों में से एक को यूक्रेन भेजा गया था, लेकिन अब एक और विमान खोने के बाद यूक्रेन की वायु सुरक्षा क्षमता पर दबाव और बढ़ गया है.
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