S-400 missile systems: भारत और रूस के बीच की दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है, और अब इसी दोस्ती ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, दोनो देशो के बीच एस-400 सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की नई डिलिवरी को लेकर बातचीत चल रही है. इस बातचीत की जानकारी रूस की ओर से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान चीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच लंबी और आत्मीय मुलाकात के बाद दी गई है.
इससे पहले यह खबर भी आ चुकी है कि रूस अब भारत को और भी सस्ते दर पर तेल उपलब्ध करवाएगा. यह दोनों ही खबरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रवैए के लिए बहुत बड़ा झटका है. एक सीनियर रूसी रक्षा निर्यात अधिकारी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की नई खेप को लेकर बातचीत चल रही है.
मोदी-पुतिन मुलाकात के बाद आगे बढ़ी बात
रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन के चीफ दिमित्री शुगायेव के हवाले से बताया गया कि ‘भारत के पास पहले से ही हमारा एस-400 सिस्टम है……इस क्षेत्र में भी हमारे सहयोग को विस्तार दिए जाने की क्षमता है. मतलब नई डिलिवरी. इस समय हमारे बीच बातचीत चल रही है.’ वही सोमवार को पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि भारत और रूस मुश्किल घड़ी में भी एक-दूसरे के साथ खड़े हैं.
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को ‘प्रिय दोस्त’ बताया था. इस दौरान दोनों नेताओं को एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से लंबी मुलाकात का मौका मिला था. वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी कह चुके हैं कि रूस से तेल नहीं खरीदने के अमेरिकी दबाव में भारत नहीं झुका और इसकी मास्को सराहना करता है.
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
बता दें कि साल 2018 में भारत ने एस-400 सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए रूस के साथ 5.5 बिलियन डॉलर की डील की थी. जिसके तहत रूस, भारत को 5 एस-400 ट्रायंफ लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने वाला था. लेकिन, इसकी डिलिवरी में काफी देर होती रही. वहीं रूस अबतक 3 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सप्लाई कर चुका है और बाकी दोनों भी 2026 और 2027 में देने वाला है, लेकिन, अब तो इससे भी आगे बढ़कर नई डिलिवरी को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है.
एस-400 की भारत के लिए अहमियत
दरअसल, भारतीय सशस्त्र सेना की लीडरशिप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एस-400 टायरंफ को बहुत ही महत्वपूर्ण मानती है. यह भारत के एयर डिफेंस नेटवर्क के क्षेत्र में एक बाहरी शील्ड का काम करता है और इसे सीधे भारतीय वायु सेना के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के साथ जोड़ा गया है. बता दें कि प्रत्येक एस-400 स्क्वाड्रन में 128 मिसाइलों से लैस दो मिसाइल बैटरी होती हैं। यह सिस्टम दुश्मनों के बमवर्षक, फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और खुफिया विमानों को 120 से 380 किलोमीटर तक की रेंज में मारकर गिरा सकते हैं. इनके साथ लंबी रेंज के रडार और मोबाइल लॉन्चर वाहन भी होते हैं.