आतंकवाद मुद्दे पर चीन-पाक को तगड़ा झटका, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर से किया इनकार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

SCO Meeting: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय SCO बैठक के सिलसिले में चीन के किंगदाओ शहर में हैं. यहां रक्षा मंत्री ने आतंकवाद मुद्दे पर दोहरा रुख रखने वाले चीन और पाकिस्‍तान को करारा जवाब दिया है. गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में संयुक्‍त बयान पर हस्‍ताक्षर करने मे इनकार कर दिया है.

आतंकवाद मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश

सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया क्योंकि इसमें आतंकवाद के मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश की गई. इससे आतंकवाद के खिलाफा भारत के रुख कमजोर हो सकता था. सूत्रों का कहना है कि घोषणा पत्र में आतंकवाद शब्द का जिक्र नहीं किया गया था. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा पत्र पर दस्‍तखत नहीं किए इस वजह से यह घोषणा पत्र जारी नहीं किया जा सका.

घोषणापत्र में पहलगाम नहीं बलूचिस्तान का जिक्र

जॉइंट डिक्लेरेशन एंड प्रोटोकॉल में आतंकवाद के मुद्दे, मुख्‍य रुप से 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी. इस घोषणापत्र में पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान का जिक्र किया गया था, जिसे भारत ने स्वीकार्य नहीं किया. भारत का कहना है कि इससे उसके आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख को कमजोर करता है. बैठक में पाकिस्तान और चीन ने इस दस्तावेज में आतंकवाद के मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश की, जिसके खिलाफ भारत ने सख्त और दृढ़ रुख अपनाया. भारत ने साझा घोषणापत्र पर हस्‍ताक्षर करने से इनकार कर दिया.

SCO बैठक में पाकिस्तान पर साधा निशाना

इससे पहले एससीओ के एक सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, फंडिंग करने वालों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इससे निपटने में दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद का इस्तेमाल ‘नीतिगत साधन’ के तौर पर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ा हैं. इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद है. रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि शांति-समृद्धि और आतंकवाद एक साथ कभी नहीं चल सकते. बता दें कि एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए राजनाथ सिंह बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे.

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