Shangri-La Dialogue: सिंगापुर में आयोजित 22वें शांग्री-ला डायलॉग में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भाग लिया. इस दौरान उन्होंने भविष्य के युद्ध और युद्धकला के विषय पर संबोधित देते हुए ‘भविष्य की चनौतियों के लिए डिफेंस इनोवेशन सॉल्यूशन’ विषय पर अपनी बात रखी.
इस कार्यक्रम के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने आतंकवाद के मु्द्दे पर पाकिस्तान को आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सिर्फ भारत ही नहीं बदला, बल्कि रणनीति भी बदली है. बता दें कि शांग्री-ला डायलॉग एशिया का प्रमुख रक्षा मंच है, जिसका आयोजन शुक्रवार से रविवार तक किया जा रहा है.
रणनीति का ही नतीजा कि भारत…
सीडीएस जनरल चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब बिना रणनीति के नहीं चल रहा है. यदि पाकिस्तान की तरफ से केवल दुश्मनी ही मिल रही है तो उससे दूरी ही सबसे बेहतर रणनीति है. उन्होंने कहा कि जब भारत को आजादी मिली, उस समय पाकिस्तान प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी और सामाजिक विकास जैसे हर पैमाने पर हमसे आगे था. लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था, मानवीय विकास, समेत हर मोर्चे पर पाकिस्तान से आगे है. यह ना केवल संयोग है, बल्कि यह रणनीति का ही नतीजा है.
General Anil Chauhan, Chief of Defence Staff #India held an Academia engagement with #ThinkTanks from various nations across the globe, on the sidelines of the Shangri-La Dialogue.
Addressing the intellectually empowered group on ‘Future Wars and Warfare’, #CDS highlighted… pic.twitter.com/5fsXNmKwTN— HQ IDS (@HQ_IDS_India) May 30, 2025
47 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
शांग्री-ला डायलॉग में 47 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है. इसमें से 40 से अधिक लोग मंत्री स्तरीय प्रतिनिधि हैं. इस दौरान सीडीएस चौहान ने दुनियाभर के कई देशों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और सैन्य नेताओं संग द्विपक्षीय बैठकें भी की. हालांकि इस बार के चीन की ओर से इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए रक्षामंत्री डोंग जुन नहीं, बल्कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधिमंडल आया है. वहीं, इससे पहले साल 2019 में भी चीन ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपने रक्षा मंत्री को नहीं भेजा था.
क्या है शांग्री-ला डायलॉग?
बता दें कि शांग्र-ली तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कुल 7 पूर्ण सत्रों और तीन विशेष सत्रों के रूप में लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज द्वारा 2022 से ही आयोजित किया जाता है. इसमें साल 2024 में 45 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
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