South Korea: दक्षिण कोरिया की पूर्व प्रथम महिला किम क्योन ही के खिलाफ एक स्पेशल काउंसिल टीम ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. क्योन के खिलाफ यह कार्रवाई यूनिफिकेशन चर्च से जुड़े रिश्वत मामले में की गई है. दरअसल, इस वारंट में क्योन ही पर यूनिफिकेशन चर्च से जुड़े रिश्वत मामले में जियोन सेओंग-बे के साथ साठगांठ का आरोप लगाया है.
यूनिफिकेशन चर्च से कीमती उपहार का मामला
विशेष अभियोजक मिन जोंग-की की टीम ने वारंट में दावा किया कि किम ने साल 2022 में जियोंग सेओंग-बे के साथ मिलकर यूनिफिकेशन चर्च से कीमती उपहार (जिसमें एक हीरे का हार शामिल है) को स्वीकार किया. हालांकि पूर्व प्रथम महिला ने व्यावसायिक लाभ के बदले उपहार लेने से इनकार किया है, जबकि जियोंग ने उपहार स्वीकार करने की बात मानी, लेकिन उन्हें किम को भेजने से इनकार किया है.
क्योन ही पर लगे ये आरोप
मीडिया रिर्पोर्ट्स के मुताबिक, वारंट में किम को 2009 से 2012 के बीच ड्यूश मोटर्स (बीएमडब्ल्यू डीलर) से जुड़े शेयर मूल्य हेरफेर मामले में सिर्फ एक साथी नहीं, बल्कि एक साजिशकर्ता बताया गया. इसके अलावा, किम पर 2022 के संसदीय उप-चुनाव में उम्मीदवार नामांकन में हस्तक्षेप करने और स्व-घोषित पावर ब्रोकर म्युंग ताए-क्यून से मुफ्त ओपिनियन पोल प्राप्त करने का भी आरोप है.
इस बीच, शुक्रवार को यूनिफिकेशन चर्च के नेता की सहायिका विशेष काउंसिल टीम के सामने पेश हुई. उनसे पूर्व प्रथम महिला से जुड़े कथित रिश्वत मामले में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई. उनसे साल 2022 में यूनिफिकेशन चर्च द्वारा जियों सियोंग-बे को किम को लग्जरी उपहार देने के लिए कहने के आरोपों पर पूछताछ की गई, जिससे व्यापारिक लाभ प्राप्त किए जा सकें.