Taliban Peace Talks : काफी समय से पाकिस्तान और तालिबान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जारी सीमा तनाव और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की गतिविधियों पर सहमति बनाना था, बता दें कि दोनों के बीच चल रही यह वार्ता पाकिस्तान की चालबाजियों के कारण टूट गई. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की जमीन के भीतर घुसकर TTP के ठिकानों पर कार्रवाई करने की अनुमति मांगी, जिस पर काबुल ने सख्त आपत्ति जताई. ऐसे में इस मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई और बातचीत का माहौल बिगड़ गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अफगान पक्ष ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया था कि वह अपनी धरती को पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा और इसके बदले में काबुल ने इस्लामाबाद से अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बंद करने के साथ अमेरिकी ड्रोनों की उड़ानें रोकने की मांग की. बताया जा रहा है कि पहले पाकिस्तान इस बात से सहमत था लेकिन अचानक आए एक “अज्ञात कॉल” के बाद उसका रुख बदल गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस कॉल के बाद पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया कि वह एक विदेशी देश (संकेत अमेरिकी) के साथ ड्रोन उड़ाने का समझौता रखता है, जिसे रद्द नहीं किया जा सकता.
पाकिस्ता के रवैये ने दोनों को चौंकाया
ऐसे में इस खुलासे को अफगानिस्तान ने गंभीरता से लिया और बैठक से दूरी बना ली. इसके साथ ही तुर्की और कतर, जो इस वार्ता के मध्यस्थ थे, पाकिस्तान के इस रवैये ने दोनों को चौंका दिया. इसके बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने बयान में अफगानिस्तान को “पाकिस्तान का प्यादा” बताया और चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान पर हमला हुआ, तो जवाब “पचास फीसदी ज्यादा ताकत से” दिया जाएगा.
अफगानिस्तान ने दो टूक में दिया जवाब
इसके साथ ही अफगानिस्तान ने भी दो टूक जवाब दिया और गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने कहा कि “हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन फिर भी अफगानियों ने कभी किसी के आगे सिर नहीं झुकाया. जो पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए काफी है.”
पाक की ‘दोहरी नीति’ आयी सामने
इस तरह से एक बार फिर पाकिस्तान की ‘दोहरी नीति सामने आई. जहां एक ओर वह शांति की बात करता है, वहीं दूसरी ओर अपने पड़ोसी देश की संप्रभुता पर अतिक्रमण की कोशिशें जारी रखता है. पाकिस्तान की इस हरकत से इस्तांबुल में टूटी यह वार्ता भारत, अमेरिका, तुर्की और कतर सहित पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका मानी जा रही है.
इसे भी पढ़ें :- भारत से ट्रेड डील को तैयार हुआ अमेरिका, पीएम मोदी की तारीफ में ट्रंप ने कही ये बात