चुनाव खूनी संघर्ष में बदले, तीन दिनों में 700 लोगों की मौत, तंजानिया में हालात बेहद खराब!

Tanzania Election Violence: पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में आम चुनाव के बाद हालात बेहद खराब हो चुके हैं. हाल ही में हुआ चुनाव विवादों में आ गया. जिससे देशभर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. इंटरनेट ठप है और सड़कों पर सेना के ट्रक घूम रहे हैं. सरकार चुप है, लोग डरे हुए हैं. कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने अपने सत्र स्थगित कर दिए हैं.

चुनाव से पहले ही बढ़ गया विवाद

बता दें, कि तंजानिया में 29 अक्टूबर को राष्ट्रपति चुनाव हुए जिसमें वर्तमान राष्ट्रपति और चामा चा मापिंदुजी पार्टी की सदस्य सामिया सुलुहु हसन ने तो चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें बड़ी जीत हासिल हुई है. लेकिन चुनाव से पहले ही विवाद बढ़ गया, क्योंकि विपक्ष के दो प्रमुख उम्मीदवारों को चुनाव ही नहीं लड़ने दिया. विपक्ष ने इसे चुनाव चोरी करार दिया और देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जो जल्द ही दंगों में बदल गए.

इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहा विपक्ष

चुनाव चोरी की वजह से तंजानिया की जनता में काफी गुस्सा है. विपक्ष इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहा है. ऐसे में बुधवार से ही दर अस सलाम, म्वांजा, अरुशा और अन्य शहरों में हज़ारों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस के साथ ही सेना की भी तैनाती करनी पड़ी. मुख्य विपक्षी दल चाडेमा ने बताया कि पुलिस और सेना की कार्रवाई में तीन दिन में करीब 700 लोग मारे जा चुके हैं. मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में नाइट कर्फ्यू

सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बुधवार रात से ही पूरे देश में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही इंटरनेट मोबाइल सेवाओं के ब्लैकआउट का भी आदेश दे दिया है और सेना की तैनाती को भी बढ़ा दिया है. जैसे-जैसे हालात बिगड़ते गए, सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया और कर्फ्यू लागू कर दिया. शुक्रवार को तीसरे दिन भी इंटरनेट ठप रहा. विदेशी पत्रकारों को रिपोर्टिंग की इजाजत नहीं दी गई. डर एस सलाम और डोडोमा के लोगों ने बताया कि सड़कें खाली हैं. जगह-जगह टायर जल रहे हैं और पुलिस-सेना की गाड़ियां घूम रही हैं.

सेना कानून व्यवस्था बहाल करेगी

सेना प्रमुख जनरल जैकब मकुंडा ने प्रदर्शनकारियों को अपराधी कहा और साफ किया कि सेना कानून व्यवस्था बहाल करेगी. एपी की रिपोर्ट कहती है कि राजधानी में सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़े, जिसके बाद फौज को मैदान में उतरना पड़ा. एपी की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने अपने सत्र स्थगित कर दिए हैं. देश में डर का माहौल है और लोग बोलने से डर रहे हैं.

समर्थन में आवाज उठा रहे हैं विदेशों में रह रहे तंजानियाई नागरिक

विदेशों में रह रहे तंजानियाई नागरिक ऑनलाइन चर्चाओं के जरिए प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने तंजानियाई अधिकारियों से संयम बरतने की अपील की है. मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता सेइफ मागांगो ने नैरोबी से कहा है कि हम सुरक्षा बलों से अपील करते हैं कि वे अनावश्यक या जरूरत से ज्यादा बल का प्रयोग न करें. हालात को शांत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं.

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