New Delhi: बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर बड़े राजनीतिक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है. तारिक रहमान बांग्लादेश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं? इस पर विश्लेषकों का मानना है कि भारत को रहमान को लेकर भी फूंक-फूंक कर कदम रखने हैं क्योंकि उनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से पुराने संबंध रहे हैं और भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता पाई गई है.
बांग्लादेश के तख्तापलट में BNP की बड़ी भूमिका
पिछले साल बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट में खालिदा जिया और तारिक रहमान की पार्टी BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की बड़ी भूमिका थी. उस दौरान भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे सोशल मीडिया के जरिए आग भड़काने पर एक खास रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट में पाया गया था कि बांग्लादेश के अराजक-प्रदर्शन के दौरान सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से ही सामाजिक अस्थिरता फैलाने की साजिश रची गई थी.
सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में से एक तारिक रहमान
तारिक रहमान बांग्लादेश के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में से एक से आते हैं. वे पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं और उनके पिता जियाउर रहमान बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं. जियाउर रहमान ने ही बांग्लादेश में पहला सैन्य तख्तापलट किया था. तारिक रहमान बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. राजनीतिक विरासत के कारण वे लंबे समय से बांग्लादेश की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं.
बांग्लादेश की राजनीति का युवराज
तारिक रहमान को अक्सर बांग्लादेश की राजनीति का युवराज कहा जाता है. इसकी वजह उनका मजबूत राजनीतिक बैकग्राउंड है. उनके पिता राष्ट्रपति रह चुके हैं और मां प्रधानमंत्री. ऐसे में तारिक का नाम हमेशा से सत्ता के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में लिया जाता रहा है. BNP के समर्थक उन्हें पार्टी का असली चेहरा और भविष्य का नेता मानते हैं. कई बार यह भी कहा गया कि जब उनकी मां सत्ता में थीं, तब सरकार की असली कमान तारिक रहमान के हाथों में थी.
कई बड़े विवादों से भी जुड़ा रहा है नाम
तारिक रहमान का नाम कई बड़े विवादों से भी जुड़ा रहा है. उन पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे. बता दें कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी BNP के हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और अपने नेता तारिक रहमान का जोरदार स्वागत किया. तारिक रहमान करीब 17 साल बाद लंदन से वापस बांग्लादेश लौटे हैं. वे लंबे समय से देश से बाहर रह रहे थे और बांग्लादेश में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. तारिक रहमान गुरुवार को ढाका पहुंचे और वहां अपने समर्थकों को संबोधित भी किया. उनके भाषण और इशारों से यह साफ हो गया है कि वे अब सक्रिय राजनीति में पूरी ताकत के साथ उतरने वाले हैं.
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