Tehrik-i-Taliban Pakistan: संयुक्त राष्ट्र संघ में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान नामक आतंकी संगठन को देश के लिए बड़ा खतरा बताया है. यूएन में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि यदि इस आतंकी संगठन को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो आने वाले समय में पूरी दुनिया इसके चपेट में आ जाएगी.
अफगानिस्तान में भी पैदा हो रहें आतंकी
सुरक्षा परिषद की बैठक असीम ने कहा कि मौजूदा समय में टीटीपी के पास 6 हजार लड़ाके हैं. उसने कई कई प्रॉक्सी संगठन भी बना रखे हैं, जो पाकिस्तान की धरती को लाल कर रहा है.साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान में भी अब आतंकी पैदा हो रहे है. वर्तमान में यहां 5 आतंकवादी संगठन सक्रिय है, जिसमें टीटीपी सबसे प्रमुख है.
इसके अलावा, आईएसआईएल-के (दाएश), अल-कायदा और बलूच लिबरेशन फ्रंट भी अहम भूमिका निभा रहे है. इन्ही संगठनों के कारण आए दिन पाकिस्तान में कोई न कोई घटना सामने आ रही है, जिसे हम अकेले रोकने में सक्षम नहीं हैं.
क्या है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान?
बता दें कि साल 2007 में तालिबान के समर्थन से पाकिस्तान में टीटीपी का गठन हुआ था, जिसका मकसद पाकिस्तान में सेना के निरंकुशता से लोगों को आजादी दिलाने की है. टीटीपी मुख्य रूप से खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में एक्टिव है और इसका वर्तमान में मुल्ला फजलुल्लाह सरगना है. पाकिस्तान सरकार के मुताबिक, अफगानिस्तान संगठन को हथियार मुहैया कराता है, जिसके बल-बूते संगठन के लोग पाकिस्तान सेना के जवानों को मारने का काम करते हैं.
दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन
वैश्विक आतंक सूचकांक की मानें, तो टीटीपी दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है, जिसके कारण साल 2024 में पाकिस्तान में 588 लोगों की मौत हुई. इसमें सेना के कई जवान और अफसर शामिल थे. वहीं, इस साल (2024-2025) पाकिस्तान में टीटीपी ने 482 आतंकी वारदातों को अंजाम दिया.
आपको बता दें कि साल 2025 में भी टीटीपी टेरर फैलाने के मामले में सबसे आगे है. अब तक टीटीपी के लड़ाकों ने 150 से ज्यादा पाकिस्तानियों की हत्या कर दी है. दरअसल, टीटीपी के लड़ाके गोरिल्ला वार के जरिए पाकिस्तान की सेना को मात दे रही है.
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