गाजा में इजरायली हमले का तेल अवीव में विरोध, सैकड़ों पर उतरे प्रदर्शनकारी, मृतकों को दी श्रद्धाजंलि

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Tel Aviv protest: पिछले 20 महीनों से भी अधिक समय से इजरायल का गाजा पर कहर जारी है, जिसका अंतरराष्ट्रीय और मानव संगठनों ने कई बार विरोध भी किया है, लेकिन इसके बावजूद भी इजरायली सेना रूकने को तैयार नहीं है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में अब तक इजरायली हमलों में 60 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.

आईडीएफ के इस क्रुरता का विरोध अब खुद इजरायल में भी होने लगा है. दरअसल, तेल अवीव में शनिवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और उन्‍होंने इस जंग को खत्म करने की मांग की. इसके साथ ही उन्‍होंने गाजा में इजरायली हमलों में मारे गए बच्‍चों के लिए मौन रखकर श्रद्धाजंलि भी दी.

गाजा में बच्‍चों की हालत दैनिय

तेल अवीव में सड़क के किनारे प्रदर्शनकारियों ने मोमबत्तियां और गाजा में मारे गए सैकड़ों बच्चों की तस्वीरें लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की. वहीं, एक और बड़ा समूह गाजा में अभी भी बंद सभी इजराइली बंधकों की रिहाई को लेकर मार्च कर रहा हैं. साथ युद्ध विराम के लिए महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन गाजा के बच्चों के लिए ऐसा पहली बार होता दिखाई दे रहा है.

दो साल में मारे 20 हजार बच्चे

इसी बीच इजराइल संस्था नेसेट के सदस्य ओफर कैसिफ ने कहा कि “सबसे पहले, मुझे इस बात पर दुख और शर्म आ रही है कि क्या हो रहा है, इजराइल लगभग दो सालों से क्या कर रहा है… गाजा में नरसंहार, हज़ारों निर्दोष नागरिकों, लगभग 20 हजार बच्चों का कत्लेआम.” उन्‍होंने आगे कहा कि वेस्‍ट बैंक में भी जातीय सफाया हो रहा है और इजरायल में फासीवाद बड़े पैमाने पर फैल रहा है.

बता दें कि इजरायल की ओर लागतार गाजा पर हमले किए जा रहे है. इसी बीच शनिवार को हुए हमले में गाजा पट्टी में 110 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी, जिनमें राफा में अमेरिका समर्थित GHF पर खाने का इंतज़ार कर रहे 34 लोग भी शामिल थे.

दोहा में शांति वार्ता टूटी

वहीं दोहा में कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही शांति वार्ता टूट गई है. ऐसे में  हमास और इजराइल अधिकारियों के बीच गाजा से इजराइल सैनिकों की वापसी पर बात नही बन पाई हैं. दरअसल, हमास का कहना है कि‍ गाजा से इजराइल बलों की वापसी हो, लेकिन इजरायल इसपर तैयार नहीं है.

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