Tel Aviv protests: गाज़ा युद्ध को खत्म करने और हमास हमले में अगवा किए गए सभी इजरायली नागरिकों को सुरक्षित घर लाने की मांग को लेकर शनिवार को तेल अवीव के सड़कों पर भारी संख्या में लोग उतरे. सभी प्रदर्शनकारियों की मुख्य चिंता यही है कि कहीं एक बार फिर कोई राजनीतिक अड़चन इस प्रक्रिया को बाधित न कर दे. हालांकि इस बार माहौल कुछ अलग दिख रहा है. ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि शायद इस बार रास्ता निकले.
प्रदर्शन में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि “हम बेहद चिंतित हैं कि अब तक बंधक घर क्यों नहीं लौटे. हम चाहते हैं कि युद्ध अब रुके. हमें नेतन्याहू पर कोई भरोसा नहीं है, लेकिन फिलहाल ट्रंप की कोशिशों से हमें उम्मीद है.”
ट्रंप की शांति योजना को हमास की मंज़ूरी
दरअसल, अमेरिका द्वारा पेश किए गए गाजा शांति योजना के कई प्रमुख बिन्दुओं पर हमास ने सहमति जताई है, जिसमें युद्धविराम, इजरायली सेना की वापसी और दोनों ओर से कैदियों व बंधकों की रिहाई जैसे अहम बिंदु शामिल हैं. हमास की इस प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका और मध्यस्थ देशों की कोशिशें तेज हो गई हैं.
इजरायल सरकार ने दिखाया लचीलापन
इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इजरायल अब ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू करने के लिए तैयार है. इसका मतलब है कि जल्दी ही इजरायली बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. हालांकि इस बीच गाज़ा पर इजरायली हवाई हमले भी जारी रहे, लेकिन उनकी तीव्रता पहले की तुलना में कम देखी गई. इससे स्पष्ट होता है कि दोनों पक्षों में बातचीत और योजना को लेकर कुछ हलचल ज़रूर है.
क्या अब खत्म होगा यह खूनी संघर्ष?
बता दें कि अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस जंग में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता का कारण बन चुका है, लेकिन अब पहली बार, शांति की दिशा में कुछ वास्तविक क़दम उठते दिख रहे हैं. ट्रंप की योजना, हमास की सहमति और नेतन्याहू की तैयारी- ये संकेत दे रहे हैं कि शायद अब इस संघर्ष का अंत नज़दीक है.
ऐसे में अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में क्या ये सारी कूटनीतिक कोशिशें जमीन पर अमल में भी बदलती हैं, या एक और मौका हाथ से निकल जाएगा.
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