थाईलैंड-कंबोडिया के बीच युद्धविराम पर समझौता, लेकिन शर्तों पर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुए दोनों देश!

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New Delhi: थाईलैंड और कंबोडिया ने सीजफायर समझौते पर साइन किए हैं. थाईलैंड के रक्षा मंत्री नत्थापोन नाकपानिच, कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री टी सिया ने शनिवार को थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में एक बॉर्डर चेकपॉइंट पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति दी. हालांकि, थाईलैंड और कंबोडिया दोनों के अधिकारियों ने बाद में संपर्क की पुष्टि की लेकिन यह भी कहा कि सीजफायर के लिए शर्तें अभी तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुई हैं.

ड्राफ्ट के कंटेंट पर थाईलैंड के साथ सहमति

कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने शुक्रवार रात को तीसरी स्पेशल कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमेटी की बैठक के जॉइंट स्टेटमेंट के ड्राफ्ट के कंटेंट पर थाईलैंड के साथ सहमति बना ली है जिसमें आसियान ऑब्जर्वर भी शामिल थे. थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर बातचीत शनिवार को स्थानीय समय के अनुसार सुबह करीब 9.40 बजे थाईलैंड के चंथाबुरी प्रांत में एक बॉर्डर चेकपॉइंट पर शुरू हुई.

दोनों देशों ने आपस में कर लिए समझौते

ट्रंप के प्रयासों के बावजूद दोनों देशों के बीच युद्ध चलता रहा लेकिन, अब खुद दोनों देशों ने आपस में समझौते कर लिए हैं. बता दें कि जुलाई में सीजफायर टूटने के बाद 8-9 दिसंबर को हिंसा बढ़ गईए जिसमें थाईलैंड ने फाइटर जेट और तोपखाने से हमले किए और कंबोडिया ने रॉकेट दागकर जवाब दिया. थाईलैंड-कंबोडिया सीमा के विवादित हिस्सों में झड़पों की खबरें आई हैं. खासकर डांगरेक पर्वत श्रृंखला के आस-पास जो उत्तर-पूर्वी थाईलैंड और उत्तरी कंबोडिया तक फैली हुई है.

नियंत्रण को लेकर लंबे समय से विवाद

यह सीमा क्षेत्र कई प्राचीन खमेर मंदिरों का घर है जिनमें से कई सीमा के करीब स्थित हैं. पास के ऊंचे इलाकों पर नियंत्रण को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है और लड़ाई के इस दौर में इन क्षेत्रों में एक बार फिर सैनिकों की आवाजाही, गोलाबारी और हवाई मिशन देखे गए हैं. इस विवाद की जड़ें 1900 के दशक की शुरुआत में हैं जब कंबोडिया में फ्रांसीसी औपनिवेशिक प्रशासन के तहत सीमा रेखाएं स्थापित की गई थीं.

सीमा को गलत तरीके से किया गया था परिभाषित

थाईलैंड का कहना है कि उस समय बनाए गए कुछ नक्शों में सीमा को गलत तरीके से परिभाषित किया गया था और पिछले समझौतों में बताए गए प्राकृतिक जल विभाजक सीमाओं का पालन नहीं किया गया था. विवाद का एक मुख्य बिंदु प्रेह विहार मंदिर बना हुआ है. 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला सुनाया कि मंदिर पर संप्रभुता कंबोडिया की है. हालांकि फैसले में आस-पास की जमीन के मालिकाना हक को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया था जिससे दोनों पक्षों के लिए अलग-अलग व्याख्याओं की गुंजाइश रह गई.

थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से अलग-अलग बात

दिसंबर में तनाव बढ़ने के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से अलग-अलग बात की है और दावा किया कि वे लड़ाई रोकने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि दोनों सरकारों ने श्सभी गोलीबारी बंद करने और पिछले सीजफायर के समान शांति व्यवस्था बहाल करने की दिशा में काम करने का वादा किया है.

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