Thailand Cambodia War: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शुरू हुई सैन्य झड़प ने अब जंग का रूप ले लिया है. दोनों देशों के बीच हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि थाईलैंड ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से ‘ऑपरेशन युथा बोडिन’ लॉन्च कर दिया, जिकस उद्देश्य अपनी ज़मीन की रक्षा और अतिक्रमण करने वालों को निर्णायक जवाब देना है.
दरअसल, इस वक्त दक्षिण-पूर्व एशिया की फिजा बारूद की गंध से भरी हुई है. ऐसे में थाई सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि वो “पवित्र भूमि” के लिए युद्ध छेड़ रही है. सेना के अनुसार, कंबोडियाई सेना की घुसपैठ और हमलों के बाद अब माकूल जवाब देने का वक्त आ गया है.
बख्शें नहीं जाएंगे थाई भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाई सेना ने इस ऑपरेशन के तहत ज़मीनी लड़ाई के साथ-साथ हवाई हमले भी तेज कर दिए हैं. इसी बीच थाईलैंड सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि “थाई भूमि पर अतिक्रमण करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा. ये लड़ाई हमारे लोगों, हमारी भूमि और हमारे सम्मान की रक्षा के लिए है.”
कंबोडियाई हमले में 15 लोगों की मौत
कंबोडियाई हमले में अब तक 15 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 14 आम नागरिक बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि युद्धग्रस्त इलाकों में बमबारी और गोलाबारी लगातार जारी है. ऐसे में थाई सरकार ने सीमा से लगे चार प्रांतों से करीब एक लाख से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. वहीं, गुरुवार की सुबह दोनों देशों के बीच शुरू हुई गोलीबारी धीरे-धीरे टैंक, तोप और रॉकेट हमलों में बदल गई. जिसके बाद थाईलैंड ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कंबोडिया के दूत को निष्कासित कर दिया.
हमने आत्मरक्षा में की कार्रवाई: कंबोडिया
वहीं, थाईलैड के इस सैन्य अभियान पर कंबोडिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि थाई सेना ने बिना किसी उकसावे के उनकी सीमा में घुसपैठ की. कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उन्होंने केवल आत्मरक्षा के तहत जवाबी कार्रवाई की है. लेकिन थाई सैनिक जानबूझकर सीमा पार कर आए थे, और उनके देश की संप्रभुता को चुनौती दी थी. जबकि थाईलैंड का कहना है कि बारूदी सुरंग से उनके एक सैनिक के घायल होने के बाद स्थिति ने मोड़ लिया.
‘युथा बोडिन’ का अर्थ और सैन्य महत्व
बता दें कि थाई भाषा में ‘युथा बोडिन’ का अर्थ होता है. “भूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च युद्ध.” यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन का नाम नहीं, बल्कि थाईलैंड के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है. थाई सैन्य अधिकारियों ने इसे देश की अखंडता और संप्रभुता पर आए खतरे के खिलाफ निर्णायक जवाब बताया है. इस ऑपरेशन में थाई सेना अत्याधुनिक हथियारों के साथ रॉकेट और फील्ड आर्टिलरी का भारी इस्तेमाल हो रहा है.
ये सैन्य टकराव सिर्फ हथियारों की नहीं, कूटनीतिक नाकामी की भी कहानी
बता दें कि दोनों देशों के बीच हिंसा का दायरा बढ़कर लगभग 209 किलोमीटर तक फैल गया है, जिसमें कम से कम 6 अलग-अलग मोर्चों पर गंभीर संघर्ष जारी है. यह पिछले 13 वर्षों में दोनों देशों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य मुठभेड़ मानी जा रही है. वहीं, जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच ये सैन्य टकराव केवल हथियारों की नहीं, बल्कि कूटनीतिक नाकामी की भी कहानी कहता है.
पहले राजदूतों की वापसी, फिर विवादित बयानों ने हालात को और जटिल बना दिया. इसके बाद अब थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने कहा है कि “हम किसी युद्ध के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हमारी सीमा की रक्षा करना भी अनिवार्य है.”
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