Trump fight with Putin: रूस-यूक्रेन जंग को अब तक रोकने में असफल रहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमिर पुतिन से बड़ा पंगा ले लिया है. दरअसल, ट्रंप ने रूस के एक बास्केटबॉल खिलाड़ी को फ्रांस में गिरफ्तार करवा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है. फ्रांस में गिरफ्तार किए गए खिलाड़ी का नाम दानिल कासातकिन बताया जा रहा है.
रूसी एजेंसी आरटी. कॉम के अनुसार, फ्रांस ने अमेरिकी अनुरोध पर कासातकिन को हिरासत में लिया है. दरअसल रूसी बास्केटबॉल खिलाड़ी दानिल कासातकिन पर एक रैनसमवेयर गैंग का सदस्य होने का आरोप है.
रूसी टीम के लिए पॉइंट गार्ड की भूमिका निभाते हैं कासातकिन
बता दें कि कासातकिन रूस की राष्ट्रीय टीम के लिए पॉइंट गार्ड की भूमिका निभाते हैं. हालांकि उन्हें 21 जून को शार्ल दे गॉल हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे अपनी मंगेतर के साथ फ्रांस पहुंचे थे. वहीं, बुधवार को हुई एक सुनवाई में एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि उन्हें प्रत्यर्पण की कार्यवाही तक हिरासत में रखा जाएगा.
कासातकिन पर अमेरिका ने लगाएं ये आरोप?
दरअसल, अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि कासातकिन ने अमेरिका में पढ़ाई की थी. उस वक्त उसने एक हैकर गिरोह की तरफ से फिरौती की रकम तय करने में भूमिका निभाई. यह गिरोह 2020 से 2022 के बीच लगभग 900 कंपनियों और दो संघीय संस्थानों को निशाना बना चुका है. हालांकि कासातकिन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. वहीं, उनके वकील फ्रेडरिक बेलोट का कहना है कि कासातकिन की “कंप्यूटर की जानकारी बहुत कम” है और उन्होंने जो पुराना कंप्यूटर खरीदा था वह या तो पहले से हैक किया गया था या किसी हैकर ने उन्हें किसी और के नाम से बेचा था.
वहीं इस खबर के सामने आने के बाद मॉस्को स्थित एमबीए क्लब ने घोषणा की कि कासातकिन अब टीम का हिस्सा नहीं हैं. हालांकि उन्होंने क्लब के लिए 172 मैच खेले और रूसी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते.
हिरासत में लिए गए टेलीग्राम के संस्थापक
बता दें कि हाल के वर्षों में कई रूसी हस्तियों की गिरफ़्तारी के मामले सामने आए हैं. इससे पहले अगस्त 2024 में टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव को फ्रांस में हिरासत में लिया गया था. ड्यूरोव पर अपराधियों को अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने से नहीं रोकने का आरोप लगा था. हालांकि बाद में उन्हें 5 मिलियन यूरो (लगभग 5.46 मिलियन डॉलर) की जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं, ड्यूरोव का दावा था कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने उन्हें टेलीग्राम पर और अधिक सेंसरशिप लागू करने के लिए दबाव डाला.
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