Washington: अमेरिका में व्हाइट हाउस के पास अफगान नागरिक द्वारा हमले के बाद ट्रंप प्रशासन ने कडा फैसला लिया है. अफगानिस्तान समेत 19 चिंता वाले देशों से ग्रीन कार्ड, अमेरिकी नागरिकता और अन्य आव्रजन (इमिग्रेशन) आवेदनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है. पिछले महीने एक अफगान नागरिक ने दो नेशनल गार्ड्स पर गोली चला दी थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी. इसके बाद यह फैसला जारी कड़ी इमिग्रेशन कार्रवाई के बीच आया है.
पूरी तरह समीक्षा होने तक शरण मांगने के सभी आवेदनों को तुरंत रोक
एक नीतिगत परिपत्र में मंगलवार को अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशनसर्विसेज (यूएससीआइएस) को निर्देश दिया गया कि वह पूरी तरह समीक्षा होने तक शरण मांगने के सभी आवेदनों को तुरंत रोक ले. चाहे आवेदनकर्ता किसी भी देश का हो. इस निर्देश ने उन 19 देशों के लोगों पर ग्रीन कार्ड, अमेरिकी नागरिकता के अनुरोध और अन्य आवेदनों पर भी रोक लगा दी है. जिन पर ट्रंप प्रशासन ने इस वर्ष जून में ट्रैवल बैन लगाया था और जिन्हें व्हाइट हाउस चिंता वाले देश मानता है.
इसमें अफगानिस्तान समेत ये 19 देश शामिल
इसमें अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो गणराज्य, क्यूबा, इक्वाटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरालियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन आदि देश शामिल हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिश्वतखोरी के आरोपित टेक्सास के डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि हेनरीकुएलर और उनकी पत्नी इमेल्डा को पूरी तरह और बिना शर्त माफी दे दी है.
छह लाख डॉलर रिश्वत लेने का लगा था आरोप
पिछले साल कुएलर और उनकी पत्नी पर अजरबैजान की एक सरकारी ऊर्जा कंपनी और मेक्सिको के एक अनजान बैंक को फायदा पहुंचाने वाली दो योजनाओं में करीब छह लाख डॉलर रिश्वत लेने का आरोप लगा था. कुएलर ने खुद को और अपनी पत्नी को बेगुनाह बताया है. ट्रंप ने एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने बाइडन की आव्रजन नीतियों के विरुद्ध बोलने के लिए कुएलर के विरुद्ध न्याय प्रणाली को हथियार बनाया था.
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