Trump on Iran Israel Conflict : ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों से चल रहे युद्ध के ख्त्म होने पर अमेरिक के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले हिरोशिमा और नागासाकी की तरह विनाशकारी थे. हेग में आयोजित नाटो समिट के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि “मैं हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन ईरान पर हमारे हमले उसी तरह के थे.” इस दौरान उनका कहना है कि एक निर्णायक हमले के बाद यह युद्ध समाप्त हुआ और अब दोनों देशों ने शांति की घोषणा कर दी है.
अमेरिका ने किया ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला
जानकारी देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो स्थित तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. ऐसे में उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए इन हमलों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से ठप कर दिया गया है और इन ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है. इस हमले को लेकर ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी हमले के बाद ही ईरान पीछे हटने पर मजबूर हुआ और युद्धविराम की स्थिति बनी. बता दें कि हमले की जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी.
ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें दागीं
अमेरिका के हमले करने के बाद ईराल ने जवाब में कतर और इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईराक के साथ ही ईरान ने कतर में कम से कम 10 मिसाइलें दागी. ऐसे में ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा कि ईरान के इस हमले से अमेरिका को कोई नुकसान नहीं हुआ.
इजरायल-ईरान का युद्ध हुआ खत्म
ऐसे में ट्रंप ने जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध का लेकर 24 जून 2025 को युद्धविराम की औपचारिक घोषणा की गई. इस युद्ध की समाप्ति को लेकर उन्होंने कहा कि अब ईरान और इजरायल के बीच दुबारा हमलों की कोई संभावना नहीं है. अमेरिकी मध्यस्थता के चलते दोनों देशों ने युद्ध समाप्त करने का निर्णय लिया. हालांकि, ट्रंप के इस बयान के बाद पश्चिम एशिया में अमेरिका की भूमिका और इस युद्ध की नैतिकता पर भी बहस छिड़ गई है.
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