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RBI Bulletin: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विभिन्न उच्च आवृत्ति संकेतक भारत में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में लचीली आर्थिक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की ओर से जारी बुलेटिन में बुधवार को यह बात कही गई. आरबीआई के जून बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था उथल-पुथल की स्थिति में है, जो व्यापार नीति अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों में वृद्धि के दोहरे झटके से जूझ रही है. इसमें कहा गया है, “बढ़ी हुई वैश्विक अनिश्चितता की इस स्थिति में मई 2025 के लिए विभिन्न उच्च आवृत्ति संकेतक भारत में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में लचीली आर्थिक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं.”
लेख में कहा गया है कि 2024-25 के दौरान कृषि में अधिकांश प्रमुख फसलों के उत्पादन में व्यापक वृद्धि देखी गई है. इसके अलावा, घरेलू मूल्य स्थिति भी अनुकूल बनी हुई है, तथा मई में लगातार चौथे महीने मुख्य मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे रही. ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ विषयक लेख में कहा गया है कि वित्तीय परिस्थितियां भी ब्याज दरों में कटौती का लाभ ऋण बाजार तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बुलेटिन लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.