Turkey nuclear weapons: ईरान पर अमेरिका और इजरायल के हमले से पूरे मिडिल ईस्ट पहले से ही खलबली मची हुई है. लेकिन अभी तुर्की से आई खबर ने उससे भी ज्यादा बड़ा झटका दिया है. दरअसल, अब तुर्की के लोगों का मानना है कि उन्हें अपना परमाणु हथियार बनाना चाहिए और वो भी जल्द से जल्द. मिडिल ईस्ट के एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 से 5 जुलाई के बीच ‘रिसर्च इस्तांबुल’ द्वारा किए गए सर्वे में कुल 2,000 लोगों से बातचीत की गई, जिसमें 71 फीसदी तुर्क नागरिकों का मानना है कि देश को अब परमाणु ताकत बनना चाहिए.
एयर डिफेंस पर तुर्की को भरोसा नहीं
सर्वे में ये भी पता चला है कि तुर्की की जनता को अपने देश की मौजूदा एयर डिफेंस पर भी ज्यादा भरोसा नहीं है. क्योंकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि यदि तुर्की पर हमला हुआ, तो मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम शायद ही उसे रोक पाए. तुर्की के मिसाइलों से लोगों के उठते भरोसे का सबसे बड़ा वजह है हाल ही में इजरायल के खिलाफ ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले. जहां अत्याधुनिक इजरायली सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह नाकाम रही और भारी नुकसान हुआ. उनका कहना है कि ‘यदि इजरायल का हाल ऐसा हो सकता है, तो तुर्की का क्या होगा?’
तुर्की का NATO पर से टूटा भरोसा
इस सर्वे का सबसे बड़ा खुलासा ये है कि 72% तुर्की लोगों का मानना है कि यदि तुर्की पर हमला हुआ, तो NATO (जिसका वो हिस्सा है) भी उसकी रक्षा नहीं करेगा. इससे यह स्पष्ट होता है कि जनता का भरोसा अपने परंपरागत सैन्य सहयोगियों से हट रहा है.
वहीं, लंदन मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरदी ओज़तुर्क का कहना है कि “ये आंकड़े बताते हैं कि तुर्क समाज एक असुरक्षा के दौर से गुज़र रहा है. मिडल ईस्ट, बाल्कन और कॉकस क्षेत्रों में बढ़ते संघर्ष लोगों को अब वो बातें सोचने पर मजबूर कर रहे हैं, जो पहले अकल्पनीय थीं- जैसे कि परमाणु हथियार बनाना.”
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता तुर्की
बता दें कि तुर्की सरकार हाल ही में F-16 और यूरोफाइटर जेट्स की खरीद पर काम कर रही है, जिससे वो अपने पुराने हो चुके लड़ाकू विमानों की भरपाई कर सके. साथ ही 2028 तक खुद के 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट ‘Kaan’ को सेवा में लाने की तैयारी कर रही है.
तुर्की सरकार ने भले ही अभी तक किसी भी तरह के न्यूक्लियर हथियारों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन देश का पहला परमाणु पावर प्लांट ‘अक्कूयू’ रूस के सहयोग से बन रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 20 अरब डॉलर की लागत वाला यह प्लांट अगले साल शुरू हो सकता और देश की 10 प्रतिशत बिजली जरूरतें पूरी करेगा. तुर्की के इसी प्लांट को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि आने वाले समय में तुर्की इस तकनीकी आधार को और आगे ले जाकर परमाणु शक्ति की ओर कदम बढ़ा सकता है.
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