ट्रंप को आया गुस्सा, जेलेंस्की के नक्शे को उठा कर फेंका, बोले-यूक्रेन के मानचित्र देखकर थक गए हूं!

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Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन रूस की शर्तें स्वीकार करे और पूर्वी हिस्से डोनबास को रूस को सौंप दे. 17 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के प्रतिनिधिमंडल द्वारा लाए गए नक्शे को ट्रंप ने गुस्से में आकर फेंक दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर यूक्रेन के अग्रिम मानचित्र देखकर थक गए हैं. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन का बड़ा हिस्सा पहले ही चला गया है.

नक्शे शांति वार्ता और क्षेत्रीय संघर्ष में महत्वपूर्ण रणनीतिक उपकरण

राजनीतिक भूगोलवेत्ताओं का मानना है कि नक्शे शांति वार्ता और क्षेत्रीय संघर्ष में महत्वपूर्ण रणनीतिक उपकरण हैं. बोस्निया, काकेशस और यूक्रेन में यह देखा गया कि नक्शों पर रेखाएं खींचने से ही युद्धविराम या विभाजन की दिशा तय होती है. जेलेंस्की और यूक्रेनी जनता भूमि की अखंडता और भावनात्मक पहचान के पक्षधर हैं जबकि ट्रंप इसे व्यावसायिक सौदे की तरह देखते हैं. सैनिकों की कुर्बानी और भूमि का प्रतीकात्मक महत्व ट्रंप की नजर में नहीं आता.

ट्रंप के विशेष दूत ने रूसी प्रस्ताव की व्याख्या गलत की

अगस्त 2025 में ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रूसी प्रस्ताव की व्याख्या गलत की, जिससे अमेरिका ने नए प्रतिबंध टाल दिए. अलास्का शिखर सम्मेलन में पुतिन ने भी युद्धविराम की शर्तें ठुकराईं लेकिन प्रस्ताव दिया कि रूस डोनबास पर कब्जा करे और जापोरिज्जिया-खेरसॉन से पीछे हटे. 18 अगस्त 2025 को सात यूरोपीय नेताओं और जेलेंस्की के साथ हुई बैठक में ट्रंप ने यूक्रेन का मानचित्र फेंक दिया. नक्शे में रूस के कब्जे वाले क्षेत्र नारंगी में दर्शाए गए थे.

इसे राष्ट्रीय अखंडता का मामला मानते हैं जेलेंस्की

ट्रंप ने बाद में कहा कि यूक्रेन का बड़ा हिस्सा पहले ही चला गया है जबकि जेलेंस्की इसे राष्ट्रीय अखंडता का मामला मानते हैं. ट्रंप युद्ध को रियल एस्टेट सौदे की तरह देखते हैं. उनका मानना है कि डोनबास को मौजूदा युद्ध रेखाओं के आधार पर बांट देना चाहिए. जेलेंस्की इसे राष्ट्रीय और भावनात्मक दृष्टिकोण से देखते हैं. इस तरह मानचित्र और दृष्टिकोण के अंतर ने शांति वार्ता को जटिल बना दिया है. यूक्रेन के भविष्य को लेकर असमंजस बना हुआ है.

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