UP Gau Aayog : वर्तमान समय में यूपी गौ आयोग और पतंजलि ने मिलकर गौ संरक्षण को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके साथ ही गौशालाओं को ग्रामीण उद्योग के केंद्रों में बदल दिया जाएगा, जिसके तहत पंचगव्य उत्पादों और बायोगैस का उत्पादन बढ़ेगा. जानकारी देते हुए बता दें कि उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग ने पतंजलि योगपीठ के साथ मिलकर गौ संरक्षण, पंचगव्य उत्पाद के विस्तार को पूरे प्रदेश में प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है. प्रदेश के सभी जिलों के प्रत्येक में 2 से 10 गौशालाओं को बड़े मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा
इस मामले को लेकर एक सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि हाल ही में गौ सेवा आयोग ने हरिद्वार में आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, योगगुरु बाबा रामदेव के साथ पतंजलि के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण के बीच बातचीत के दौरान पतंजलि योगपीठ के साथ साझेदारी की है.” इस दौरान सीएम योगी ने विश्वास जताते हुए कहा कि गांव की प्रगति की नींव गौ है. इस दौरान पतंजलि योगपीठ ने इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण तकनीकी सहयोग देने का संकल्प लिया है.
ग्रामीण उद्योग केंद्रों के रूप में होंगे परिवर्तित
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साझेदारी के तहत गौशालाएं अब संरक्षण केंद्र नहीं रहेंगी, क्योंकि अब इन्हें ग्रामीण उद्योग केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने का फैसला लिया गया है. यहां पंचगव्य उत्पाद और बायोगैस का उत्पादन किया जाएगा. आदेशानुसार प्रदेश के सभी जिलों में 2 से 10 गौशालाओं को बड़े मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. ताकि सुचारू रूप से गौमाता का मुक्त विचरण सुनिश्चित हो सके.
इस प्रक्रिया में 50% मिलेगा कमीशन
जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि “ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव के इस पहल को लेकर बड़े पैमाने पर ग्रामीण रोजगार भी मिलेगा, जहां ग्रामीण सक्रिय रूप से गौमूत्र संग्रहण और उत्पादों की बिक्री में भाग लेंगे. इसके साथ ही उन्हें इस प्रक्रिया में 50% कमीशन मिलेगा. इसके साथ ही हर गांव में नीम, गौमूत्र और वर्मी-कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, इससे किसानों की लागत कम होने के साथ मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरणीय स्थिरता को मजबूती मिलेगी.
इसे भी पढ़ें :- NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए किया नामांकन, पीएम मोदी खुद बने प्रस्तावक