New Delhi: एक अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपने कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया. कंपनी के इस तानाशाही रवैये से सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा हुआ है. कर्मचारियों के मुताबिक केवल 4 मिनट की ज़ूम कॉल में ही नौकरी से निकाल दिया गया. कर्मचारी के अनुसार, सुबह 9 बजे काम शुरू करने के बाद उन्हें 11 बजे COO के साथ एक आवश्यक बैठक का निमंत्रण मिला था.
COO ने सभी कैमरे और माइक्रोफोन बंद कर दिए
बैठक शुरू होते ही COO ने सभी कैमरे और माइक्रोफोन बंद कर दिए और घोषणा की कि भारत में अधिकांश कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय प्रदर्शन या काम की गुणवत्ता पर आधारित नहीं था. कर्मचारियों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया गया. COO ने बैठक समाप्त होते ही कॉल छोड़ दी. प्रभावित कर्मचारियों को केवल इतना बताया गया कि जिन्हें निकाला जाएगा, उन्हें ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा.
यह पहली बार है जब मुझे निकाला गया
कंपनी ने घोषणा की कि प्रभावित कर्मचारियों को अक्टूबर का पूरा वेतन महीने के अंत तक मिलेगा. यदि कोई अवकाश शेष है तो उसका नकद भुगतान किया जाएगा. कर्मचारी ने बताया कि यह उनका पहला नौकरी से निकाला जाना था, जिससे उन्हें काफी भावनात्मक तनाव हुआ. उन्होंने पर लिखा कि यह पहली बार है जब मुझे निकाला गया है और यह सच में बहुत बुरा लगा.
कर्मचारियों को निकालना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
इस पोस्ट पर कई लोगों ने सहानुभूति व्यक्त की और मदद की पेशकश की. मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी जल्दबाजी और बिना उचित संवाद के कर्मचारियों को निकालना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि कंपनियों को ऐसे निर्णय लेते समय कर्मचारियों को पूर्व सूचना, भावनात्मक समर्थन और स्पष्ट बात चीत करनी चाहिए.
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