अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम नेटवर्क से जुड़े 29 जहाजों पर लगाया प्रतिबंध, भारत को भी नुकसान

Washington: अमेरिका ने आतंकवाद और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए ईरान के तेल नेटवर्क पर शिकंजा कसा है. ट्रंप प्रशासन ने ईरान के गुप्त पेट्रोलियम शिपिंग नेटवर्क से जुड़े 29 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है. बताया जा रहा है कि इनमें भारत से जुड़ी कई कंपनियां और परिचालन इकाइयां भी शामिल हैं, जिन पर सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी तेल की ढुलाई में शामिल होने का आरोप है.

अब तक 180 से अधिक जहाजों पर प्रतिबंध

बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा पद संभालने के बाद से अब तक 180 से अधिक जहाजों पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, जिससे ईरानी तेल निर्यातकों की लागत बढ़ी है और प्रति बैरल मिलने वाली आय में कमी आई है. अमेरिकी वित्त विभाग (ट्रेजरी) ने कहा कि यह कार्रवाई ईरानी शासन की उन आय धाराओं को रोकने के लिए की गई है, जिनका इस्तेमाल आतंकवाद और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है.

ईरानी शासन की उस आय के प्रवाह को रोकने के लिए कदम

प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन टॉमी पिगॉट ने कहा कि अमेरिका ईरानी शासन की उस आय के प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठा रहा है, जिसका उपयोग आतंकवाद और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है. ट्रेजरी के मुताबिक प्रतिबंधित नेटवर्क में मिस्र के व्यवसायी हातेम एलसैद फरीद इब्राहिम सक्र द्वारा संचालित कंपनियां और जहाज शामिल हैं, जिनका, गतिविधियां संयुक्त अरब अमीरात, भारत, मार्शल आइलैंड्स और पनामा जैसे देशों में फैली हुई हैं. सक्र से जुड़ी कंपनियां 29 में से सात जहाजों से संबंधित पाई गई हैं.

भारत से जुड़े जहाजों के नाम सामने आए

पिगॉट ने कहा कहा कि यह कार्रवाई ईरान की उस क्षमता को और सीमित करती है, जिसके जरिए वह गुप्त और धोखाधड़ीपूर्ण तरीकों से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करता है. भारत से जुड़े जिन जहाजों के नाम सामने आए हैं, उनमें बारबाडोस ध्वज वाला जहाज फ्लोरा डोल्से शामिल है, जिसका स्वामित्व और प्रबंधन भारत स्थित रुकबाट मरीन सर्विसेज कंपनी के पास है. आरोप है कि इस जहाज ने अप्रैल 2025 से अब तक ईरानी फ्यूल ऑयल के लाखों बैरल की ढुलाई की है.

नैफ्था और कंडेन्सेट शामिल

इसी तरह पनामा ध्वज वाला जहाज ऑरोरा, जिसे भारत स्थित गोल्डन गेट शिप मैनेजमेंट संचालित करता है, पर ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों, जिनमें नैफ्था और कंडेन्सेट शामिल हैं, के लाखों बैरल के परिवहन का आरोप है. एक अन्य जहाज राम्या, जिसे भारत की दर्या शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड संचालित और प्रबंधित करती है, पर सितंबर 2025 से अब तक 1 लाख बैरल से अधिक ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन का आरोप लगाया गया है.

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