US Strikes Iran: बीते दस दिनों से चल रहे ईरान और इजरायल जंग के बीच हर रोज नई नई तस्वीर निकलकर सामने आ रही है और हर रोज नए नए दावें भी किए जा रहे है. ईरान और इजरायल एक दूसरे को मिटाने पर तुले ही थे कि अब इसमे अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. उसने बी 2 बॉम्बर्स से ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया. इसके बाद अब ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई को ही मिटाने की योजना बना रहे है, जिसका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत भी दिया है.
दरअसल, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रंप का एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें सीधे सीधे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रिजीम चेंज का वक्त आ गया है. ट्रंप ने कहा है कि मेक ईरान ग्रेट अगेन का वक्त आ गया है. ट्रंप ने ये नारा अपने मशहूर नारे मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की तर्ज पर दिया है और वो इस तरह के नारे अक्सर देते रहते हैं.
ट्रंप ने खामेनेई के अंत का दिया संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि शासन परिवर्तन करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन अगर वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा? ट्रंप के इस बयान को सुप्रीम लीडर खामनेई के अंत की तरफ देखा जा रहा है. हालांकि ये इजना आसान नहीं है, तेरहान के पास कई ऐसे हथकंडे हैं, जिनका इस्तेमाल वह हवाई हमलों के जवाब में कर सकता है, जिससे मध्य पूर्व में संघर्ष बढ़ सकता है और वैश्विक परिणाम हो सकते हैं.
ईरान अमेरिका के खिलाफ अपना सकता है ये हथकंडे
दरअसल, ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से तेल शिपमेंट को रोक सकता है, क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर हमले कर सकता है, साइबर हमले कर सकता है या अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर सकता है – जिसे अब अमेरिकी हमले के बाद अधिक आवश्यक माना जा सकता है. ऐसे में अब सवाल ये है कि क्या हमले युद्ध के अधिक क्रूर चरण की शुरुआत करेंगे या सावधानी के कारण कूटनीति को पुनर्जीवित करेंगे.
ईरान में दीर्घकालिक युद्ध छेड़ने की मंशा नहीं
वहीं, अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दोहराया कि ईरान में अमेरिका द्वारा दीर्घकालिक युद्ध छेड़ने की मंशा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं बस इतना कहूंगा, जैसा कि राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है और स्पष्ट कर दिया है, यह निश्चित रूप से सीमित हस्तक्षेप का मामला है. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका अभिप्राय यह नहीं है कि अमेरिका की प्रतिक्रिया देने की सीमित क्षमता है और यदि आवश्यक हुआ तो वह ऐसा करेगा. हेगसेथ ने कहा कि दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना अपने लोगों की रक्षा के लिए तैयार है.
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